नई दिल्ली। पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के आवास के बाहर कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं इस मामले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा नाराजगी जताई है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
आनंद शर्मा ने लगातार कई ट्वीट कर इस घटना की निंदा की और कहा कि इस घटना की खबर से आहत महसूस कर रहा हूं। उन्होंने लिखा कि कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की खबर सुनकर स्तब्ध और निराश हूं। इस तरह की हरकत पार्टी को बदनाम करती है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमेशा से पक्षधर रही है। राय और धारणा के मतभेद लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। लेकिन असहिष्णुता और हिंसा कांग्रेस के मूल्यों और संस्कृति से बिल्कुल अलग है। उन्होंने आगे लिखा कि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें अनुशासित किया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह है।
दरअसल कांग्रेस के कामकाज पर बुधवार को सवाल उठाने के कुछ घंटे बाद ही सिब्बल पर कई तरह से हमले शुरू हो गए और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी यहां उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के कार्यकर्ताओं ने ‘गेट वेल सून कपिल सिब्बल’ की तख्तियां लहराते हुए सिब्बल के खिलाफ उनके आवास पर नारेबाजी की और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए कहा।
मालूम हो कि नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी में एक बार फिर घमासान शुरू गया है। पार्टी के हालात से खफा वरिष्ठ नेताओं के ग्रुप-23 के नेता भी सक्रिय हो गए हैं। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब अध्यक्ष ही नहीं है तो फैसले कौन ले रहा है? उन्होंने कहा कि इंतजार की भी हद होती है आखिर कब तक तक इंतजार करें? पार्टी तत्काल कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाए ताकि अंदर खुलकर बात हो।
सिब्बल ने कहा कि आज हमें एकजुट होकर सरकार से लड़ने की जरूरत है। सब लोग मिलकर सोचें, पार्टी कैसे मजबूत हो। उन्होंने कहा कि नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। पंजाब में गतिरोध के बीच अचानक फिर नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए संगठन चुनाव की मांग के सवाल पर सिब्बल ने कहा, कोई वजह नहीं है, बस कांग्रेस को कमजोर होते नहीं देख सकते हैं। पत्र भेजा था इतने समय तक तो इंतजार किया आखिर कब तक करेंगे?
उन्होंने कहा कि हम हमेशा पार्टी के साथ खड़े हैं और रहेंगे। हमने तो कभी पार्टी के खिलाफ बयान भी नहीं दिया और आज भी साथ हैं। हमारा कहना है कि पार्टी मजबूत कीजिए बुनियादी तौर पर संगठन को मजबूत करें। सिब्बल ने ये भी कहा कि हम जी हुजूर-23 नहीं हैं। उन्होंने कहा, वैसे भी हम जी 23 प्लस हैं यानी असंतुष्टों की संख्या अधिक है।
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