मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बयाँ की पुलिस के जुल्म की कहानी

कानपुर/गोरखपुर। पुलिस की मारपीट से मारे गए कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता का गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की। इस दौरान असीम अरुण ने मीनाक्षी को भरोसा दिलाया कि उनकी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजन मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। वहीं मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था।

गुरुग्राम से दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने आए कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (36) की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई। सोमवार रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ ठहरे थे। देर रात पुलिस होटल में चेक‍िंग के लिए पहुंची थी। इस दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं। संदेह होने पर पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस की ओर से पिटाई के बाद घायल मनीष की संदिग्ध हालात में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।

मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से उनके पति की मृत्यु हुई है। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मनीष नशे की हालत में था और पूछताछ के दौरान जमीन पर गिरने से उसके सिर में चोट आ गई थी जिससे उसकी मृत्यु हुई। लेकिन मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसकी झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था।

घटना के बाद चार साल के मासूम बेटे अविराज गुप्ता को गोद में लिए मनीष की पत्नी मीनाक्षी बोल पड़ीं- बेटे को उसके पिता की मौत के बारे में क्या जवाब दूंगी? अगर वह पुलिस बनना चाहे तो कैसे बनने दूंगी? लोगों की रक्षा के लिए बनी पुलिस ने ही जान ले ली, क्या ऐसे ही सुरक्षा दे रही है पुलिस? पुलिस के ऐसे ही काम होते हैं? जिस वजह से बच्चा तक पुलिस को देखकर डरता है और नफरत करने लगता है। मीनाक्षी के इन सवालों का जवाब तो किसी के पास नहीं था, लेकिन जिसने भी उनकी बातें सुनीं, उसका कलेजा पसीज गया।

कोर्ट कचहरी के चक्कर में मत पड़िए
मनीष के परिवार वालों से गोरखपुर के डीएम और एसएसपी की बातचीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। मेडिकल कॉलेज चौकी के अंदर हो रही बातचीत की चोरी से वीडियो बनाई गई है। जिसमें डीएम और एसएसपी के अलावा मनीष की बड़ी बहन और बहनोई की आवाज सामने आ रही है। वायरल वीड‍ियो में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी कारोबारी मनीष की पत्नी और उनके घरवालों को केस न दर्ज कराने की सलाह दे रहे हैं। डीएम जहां कोर्ट कचहरी के चक्कर में न पड़ने की सलाह दे रहे हैं वहीं एसएसपी कह रहे हैं उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी। मनीष के बहनोई न्याय की मांग कर रहे हैं तो बहन जान के बदले जान मांग रही हैं।

53 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार
मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। फिर, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की। इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए।

तीन नामजद समेत छह पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज
प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर मंगलवार देर रात पुलिस ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव पर नामजद व तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया। केस दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हैं। इससे पहले एसएसपी ने इस मामले में इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, एसआई विजय यादव, एसआई राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार को निलम्बित कर मामले की जांच एसपी नार्थ को सौंपी थी।

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