नई दिल्ली। अगर आप अपनी सेहत से प्यार करते हैं तो दिमाग में बात अच्छे से बिठा लें कि हर हाल में आपको जितना जल्दी हो गुटखा खाना छोड़ना है। क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू की वजह से कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) के तहत वर्ष 2012 से 2019 के बीच सामने आए और विश्लेषण किए गए कैंसर के 6.10 लाख मामलों में से 52.4 प्रतिशत पुरुषों व 47.6 फीसद महिलाओं में दर्ज किए गए। वहीं क्लीनिकोपैथोलाजिकल प्रोफाइल आफ कैंसर्स इन इंडिया: ए रिपोर्ट आफ हास्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज-2021 के अनुसार, बचपन (0-14 वर्ष) में होने वाले कैंसर के मामले सभी कैंसर के 7.9 फीसद थे। इनमे तंबाकू के उपयोग से जुड़े कैंसर पर गौर करें तो पुरुषों में 48.7 प्रतिशत और महिलाओं में 16.5 फीसद मामले सामने आए।
वर्ष 2012-19 के दौरान एनसीआरपी के तहत कैंसर के कुल 13,32,207 मामले पंजीकृत किए गए। इनमें 6,10,084 मामलों का विश्लेषण किया गया। यह रिपोर्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर)-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु द्वारा तैयार की गई।
एनसीआरपी के तहत 96 अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्टि्रयों (एचबीसीआर) से इस बीमारी के मामलों के सात साल के आंकड़ों पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में होने वाले कैंसर में से लगभग एक तिहाई (31.2 प्रतिशत) सिर और गर्दन के हैं। महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में से आधे से अधिक स्तन कैंसर (51 प्रतिशत) सहित स्त्री रोग संबंधी रहे। कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों में बीमारी की निगरानी एक अनिवार्य हिस्सा है। आइसीएमआर ने जनसंख्या और अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्टि्रयों (पीबीसीआर और एचबीसीआर) के नेटवर्क के माध्यम से वर्ष 1981 में राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) शुरू किया था।
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