कानपुर। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है और इसी के तहत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी भी लगातार सभा आयोजित कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कानुपर में कहा कि अब मुसलमान किसी बारात में बाजा नहीं बजाएंगे।
असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कानपुर के जाजमऊ स्थित खुशबू ग्राउंड में आयोजित सभा में कहा, ‘मुसलमानों की स्थिति बारात में ‘बैंड बजाने वालों’ जैसी हो गई है, जहां उन्हें (मुसलमानों को) पहले संगीत बजाने के लिए कहा जाता है, लेकिन विवाह स्थल पर पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया जाता है। अब मुसलमान किसी बारात में बाजा नहीं बजाएंगे।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्व है मगर जनसंख्या में 19 फीसद से ज्यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्य नेतृत्व नजर नहीं आता। राज्य में 82 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर मुसलमान मतदाता जीत-हार तय करने की स्थिति में हैं, मगर राजनीतिक हिस्सेदारी के नाम पर उनकी झोली में कुछ खास नहीं है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि चाहे मुसलमानों के सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी हो या फिर सामाजिक न्याय के लिए दलित-मुस्लिम एकता की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी, किसी ने भी मुसलमानों को नेतृत्व नहीं दिया।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी हालांकि, बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इससे उनकी पार्टी उत्साहित है और उत्तर प्रदेश में भी कामयाबी के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है।
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