यूपी में कोरोना के 13 नए केस, गाजियाबाद में एक संक्रमित, वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी

लखनऊ/गाजियाबाद। यूपी में मंगलवार को कोरोना के 13 नए रोगी मिले हैं। प्रदेश में कुल कोविड वैक्सीनेशन 09 करोड़ 58 लाख से अधिक हो चुका है। यह किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। वहीं जनपद गाजियाबाद में पिछले आठ महीनों में 25 लाख से ज्यादा लोगों को पहली डोज लग चुकी है। लेकिन दूसरी डोज अभी तक सिर्फ 4 लाख लोगों को लगी है।

बीते 24 घंटे में प्रदेश में 1 लाख 88 हजार 214 सैम्पल की टेस्टिंग में 13 नए मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र 8 जनपदों में ही नए मरीज मिले जबकि 67 जिलों में एक भी मरीज नहीं मिला। जिन आठ जिलों में नए मरीज सामने आए हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर व प्रयागराज में तीन-तीन, बुलंदशहर में दो, गाजियाबाद, वाराणसी, ललितपुर, मथुरा और बस्ती में एक-एक रोगी मिला है। 13 मरीज ही स्वस्थ हुए। अब सक्रिय केस 194 हैं। लगातार तीसरे दिन कोरोना से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई।

प्रदेश में कुल 7.67 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जा चुका है। अब तक 17.09 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैैं, जिसमें 16.86 लाख रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। अभी तक कुल 22,887 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। रिकवरी रेट 98.7 प्रतिशत और पाजिटिविटी रेट 0.01 प्रतिशत है। 72 जिलों में अब कोरोना के 10 से कम रोगी हैं। इसमें से 62 जिलों में पांच से भी कम मरीज हैं। सबसे ज्यादा 27 मरीज लखनऊ में हैं। दूसरे नंबर पर प्रयागराज में 23 और तीसरे नंबर पर बरेली में 21 मरीज हैं।

अब तक 7.86 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली और 1.70 करोड़ लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है। पहली डोज के मुकाबले 18 प्रतिशत लोगों ने अब तक दूसरी डोज लगवाई है। पूरे देश के साथ जनपद गाजियाबाद में भी 15 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन शुरू किया गया था। 15 जनवरी से 15 सितंबर तक जिले में 25 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। पिछले तीन महीनों से जिले में हर महीने लगभग चार लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इससे पहले हर महीने 2 से 3 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थी।

अधिकारियों के अनुसार पिछले तीन महीनों से लगभग 50 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज और लगभग इतने ही लोगों को पहली डोज लगाई जा रही है। हालांकि औसतन 2 से 3 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो या तो दूसरी डोज नहीं लगवा रहे या फिर 10 से 15 दिन बाद लगवा रहे हैं। इनमें दूसरी डोज नहीं लेने वालों की संख्या ज्यादा है।

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