पढ़िये ऑपइंडिया की ये खास खबर….
उन्होंने सीमा पर सुरक्षा कड़ी करने की माँग करते हुए कहा था कि इस्लाम से जुड़े सभी संस्थानों को भंग कर दिया जाना चाहिए। उदाहरण देते हुए उन्होंने सभी मस्जिदों को ध्वस्त करने की माँग की थी, खासकर उन्हें जिन्हें विदेश से फंडिंग मिल रही हो।
नीदरलैंड्स के कारोबारी व राजनीतिज्ञ ग्रीट विल्डर्स का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने इस्लाम के लिए ‘Monster (दैत्य)’ शब्द का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा था कि ये कुछेक सड़े हुए सेबों की बात नहीं है, जिनके कारण पूरा इस्लाम बदनाम है। ग्रीट विल्डर्सने नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री को भी चेताया था कि वो एक बेतुकी ‘परीकथा’ बेचना बंद करें। उन्होंने जुलाई 2016 को ये बयान दिया था।
डच कारोबारी व नेता ने कहा था कि बात कुछ लोगों की नहीं है, बल्कि 9 लाख में से 7 लाख मुस्लिम ऐसे हैं जो ‘फ्री सोसाइटी’ की देश की अवधारणा को नकारते हैं। उन्होंने नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री पर तब आरोप लगाए थे कि उन्होंने इस्लाम नाम के एक ‘मॉन्स्टर’ को आयात किया है, जिससे देश में खतरे का माहौल पैदा हो गया है। बकौल ग्रीट विल्डर्स, वो लाखों बार कह चुके हैं कि आधिकारिक रूप से इस्लाम को एक ‘हिंसक समाज’ घोषित किया जाए।
संसद में दिए गए इस भाषण में 22 सांसदों वाली ‘पार्टी फॉर फ्रीडम’ के मुखिया ग्रीट विल्डर्स ने आगे कहा था कि कैबिनेट इस्लाम को प्रतिबंधित करे, क्योंकि घृणा और आतंकवाद का नीदरलैंड्स में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुस्लिम देशों से आने वाले शरणार्थियों के लिए देश की सीमाएँ पूर्ण रूप से बंद करने की भी अपील की थी। साथ ही माँग की थी कि ‘ओपन बॉर्डर्स ट्रीटी’ से पीछे हटा जाए।
उन्होंने सीमा पर सुरक्षा कड़ी करने की माँग करते हुए कहा था कि इस्लाम से जुड़े सभी संस्थानों को भंग कर दिया जाना चाहिए। उदाहरण देते हुए उन्होंने सभी मस्जिदों को ध्वस्त करने की माँग की थी, खासकर उन्हें जिन्हें विदेश से फंडिंग मिल रही हो। उन्होंने दावा किया था कि ऐसी मस्जिदों के कारण ही देश में नियम-कानून हम नहीं, बल्कि तुर्की का मजहबी मंत्रालय बनाता है। साथ ही उन्होंने हिंसा करने वालों को जेल में बंद करने या उन्हें प्रत्यर्पित कर देने का सुझाव दिया था।
पिछले 23 सालों से लगातार सांसद बन रहे गीर्ट विल्डर्स ने कहा था, “नीदरलैंड में जिहादी आंदोलनों को अंजाम देने वाले सैकड़ों लोगों और उनके साथ सहानुभूति जताने वाले हजारों को पकड़ा जाना चाहिए। ज़रूरी पड़े तो उन्हें हमेशा के लिए जेल होना चाहिए। सभी स्कूलों, अख़बारों और मीडिया को आदेश दिया जाना चाहिए कि वो पैगंबर मुहम्मद के कार्टून दिखाएँ – किसी को भड़काने के लिए नहीं, ये दिखाने के लिए कि हम धमकियों व हिंसा के सामने झुक नहीं सकते। हम अपनी स्वतंत्रता का गर्व से समर्थन करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा था, “मैं पूरे नीदरलैंड्स के मुस्लिमों को एक संदेश देना चाहता हूँ। जो हमारे लोकतंत्र, हमारी स्वतंत्रता व हमारे मूल्यों का सम्मान नहीं करेगा, जो लोग सेक्युलर कानून के ऊपर कुरान को महत्ता देते हैं.. उनकी संख्या लाखों में हैं, रिसर्च के मुताबिक 7 लाख। मेरा उन्हें एक ही संदेश है – बाहर निकलो। भागो। किसी इस्लामी मुल्क में जाओ। वहाँ आपलोग अपने इस्लामी कानून का आनंद लो। ये हमारा देश है, तुम्हारा नहीं।”
ग्रीट विल्डर्स ने जब जुलाई 2016 में ये बयान दिया था, जब पूरे यूरोप में सीरिया के शरणार्थियों का मुद्दा गरमाया हुआ था। जर्मनी में सीरिया के ही एक शरणार्थी ने ISIS के नाम पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 15 लोग घायल हुए थे। तब उन्होंने जर्मनी की चांसलर एंजेला मोर्केल व नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रुट्टे पर आरोप लगाया था कि उन्होंने यूरोप की सीमाएँ खोल दी हैं। उन्होंने आतंकी घटनाओं के मद्देनजर ये बात कही थी।
ग्रीट विल्डर्स का वो वीडियो फिर से चर्चा में आ गया है। अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद वहाँ से भाग रहे शरणार्थियों को जगह देने/पड़ोसी देशों के बॉर्डर खोलने वाले तर्कों की खबरों के कारण शायद ऐसा हुआ हो।
साभार-ऑपइंडिया।
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