अकाली दल ने किया था CAA का विरोध, अफगानिस्तान के हालात देख सिरसा के बदले सुर: गुरुग्रंथ साहिब को सिर पर रख चले मोदी के मंत्री

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अफगानिस्तान में सिखों के लिए आखिरी उम्मीद भी ख़त्म हो गई हैं, क्योंकि वहाँ के गुरुद्वारे भी सुरक्षित नहीं हैं। अफगानिस्तान से सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रन्थ साहिब की तीन प्रतियाँ भारत लाई गई हैं। गुरु ग्रन्थ साहिब को ‘आदिग्रन्थ’ भी कहा जाता है। अफगानिस्तान से कई सिख पहले ही बचा कर भारत लाए गए हैं, जिनमें एक सिख सांसद भी शामिल हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस दौरान मौके पर उपस्थित रहे।

उन्होंने पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब की प्रतियों को नई दिल्ली में रिसीव किया। उन्होंने अपने सिर पर रख कर उन प्रतियों को प्राप्त किया। लोगों का कहना है कि ये घटना अफगानिस्तान में सिख परंपरा के खात्मे की ओर इशारा करती है। इससे पहले 25 मार्च, 2020 को गुरुद्वारा हर राय साहिब में इस्लामिक स्टेट ने हमला कर दिया था। इसमें 25 लोग मरे थे। तब गुरु ग्रन्थ साहिब की 7 प्रतियाँ लाई गई थीं।

इसके बाद अब अफगानिस्तान में गुरु ग्रन्थ साहिब की सिर्फ तीन प्रतियाँ ही रह गई हैं। सिखों ने बताया कि काबुल, गजनी और जलालाबाद के गुरुद्वारों से इन प्रतियों को काफी भारी मन से भारत लाया गया है। गुरु नानक देव ने कभी अफगानिस्तान की यात्रा की थी और शांति, भाईचारे एवं सहिष्णुता का संदेश दिया था। उनके उस दौरे में ही वहाँ सिख परंपरा की नींव पड़ी। तीन सिख इन तीन प्रतियों को लेकर दिल्ली पहुँचे।

इसी बीच मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAA के कटऑफ डेट को दिसंबर 2014 से बढ़ा कर 2021 तक करने की माँग की है। ‘अकाली दल’ के नेता और ‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी’ के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाले लोगों की मदद के लिए वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माँग करते हैं कि CAA के कटऑफ डेट को बढ़ा कर 2021 किया जाए।

उन्होंने दावा किया कि इससे तालिबान के संकट के बीच अफगानिस्तान से भारत लौटने वाले लोगों को यहाँ सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार मिलेगा और साथ ही बच्चों की शिक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। बता दें कि सिरसा हाल ही में ‘किसान आंदोलन’ में खासे सक्रिय रहे हैं और प्रदर्शनकारियों के लिए आयोजित लंगर में उनकी बड़ी भूमिका रही है। गुरुद्वारा कमिटी ने प्रदर्शनकारियों की काफी मदद की थी।

जहाँ एक तरफ अब उन्हें CAA याद आ रहा है, उनकी पार्टी इस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करती रही है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल कहते हैं कि CAA में मुस्लिमों को भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया था कि पंजाब में कई पीड़ित मुस्लिम भी भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं। उन्होंने ‘ये देश सबका है’ बयान देते हुए कहा था कि हर समुदाय को भारत का हिस्सा महसूस कराने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है।

साभार-ऑपइंडिया

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