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मोहर्रम पर इस बार भी ताजिये नहीं निकाले जाएंगे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शिया धर्मगुरु व जिम्मेदार लोगों ने सरकार की गाइडलाइन व एहतियात के तौर पर जुलूस न निकालने की अपील की है। मजलिस में मौजूद लोग शारीरिक दूरी व मास्क का पालन करेंगे।
कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकार ने सामूहिक रूप से होने वाले आयोजनों पर रोक लगा रखी है। ईद उल अजहा के बाद कांवड़ यात्रा समेत तमाम पर्व व त्योहार प्रतिबंधित रहे हैं। शहर में मोहर्रम पर कई ताजिये, अलम व अखाड़े के जुलूस निकलते हैं। गत वर्ष की भांति इस बार भी गाजियाबाद के राजनगर, इस्लाम नगर, मुरादनगर और डासना में जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। शासन-प्रशासन की गाइडलाइन के मुताबिक ताजियादारों से सामूहिक जुलूस, सामूहिक मातम न मनाने की अपील की गई। शिया धर्मगुरुओं ने ताजिया बनाकर अपने धार्मिक मान्यताओं का निर्वहन गाइडलाइन के मुताबिक करने को कहा है। इसके अलावा इमामबाड़े में होने वाली मजलिसों में भी गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया है।
मोहर्रम व ताजिया जुलूस के बारे में सरकार की ओर से गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। इमाम हुसैन का गम व उनके पैगामात को जनता के सामने पहुंचाया जाएगा।
– मौलाना सैयद तफाकुर अली जैदी, पेश इमाम मोहम्मदी हाल इमामबाड़ा
हर बार मोहर्रम पर गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, हापुड़, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर आदि स्थानों से मातम के लिए अंजुमन आती थी, लेकिन इस बार भी सामूहिक मातम नहीं हो सकेगा।
– अब्बास हैदर, अंजुमन ए अब्बासिया सेक्टर-23 संजयनगर
साभार-दैनिक जागरण।
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