चीन में कनाडा के नागरिक को क्यों दी जा रही है मौत की सज़ा?

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चीन में ड्रग्स तस्करी के मामले में एक कनाडाई नागरिक को फाँसी दी जानी तय हो गई है.

रॉबर्ट लॉयेड शेलेनबर्ग नाम के इन कनाडाई नागरिक ने मौत की सजा के ख़िलाफ़ अपील की थी लेकिन उनकी अपील ख़ारिज कर दी गई.

अदालत ने कहा कि रॉबर्ट के ख़िलाफ़ दोष साबित करने के लिए ‘पर्याप्त सबूत’ हैं.

रॉबर्ट को पहले 15 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी लेकिन साल 2019 में कोर्ट ने कहा कि उनकी सज़ा कुछ ज़्यादा ही उदार है.

इसके बाद उन पर दोबारा मुक़दमा चलाया गया और फिर मौत की सज़ा सुनाई गई.

यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है कनाडा और चीन के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं.

रॉबर्ट शेलेनबर्ग को चीन में साल 2014 में चीन से ऑस्ट्रेलिया भारी मात्रा में ड्रग्स ले जाने की कोशिश के आरोपों में हिरासत में लिया गया था.

शेलेनबर्ग इन आरोपों से इनकार करते हैं और उनका कहना है कि वो चीन महज़ एक पर्यटक के तौर पर गए थे.

कनाडा में हिरासत में हैं चीनी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी

चीन में कनाडा के राजदूत डोमिनिक बार्टन ने चीनी अदालत के इस फ़ैसले की निंदा की है.

उन्होंने कहा कि यह ‘महज संयोग’ नहीं है कि कनाडाई नागरिक को फाँसी का फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब चीनी कंपनी ख़्वावे की सीनियर एग्ज़िक्युटिव मेंग वांगझू के प्रत्यर्पण का मामला कनाडा में चल रहा है.

मेंग वांगझू चीनी टेलिकॉम कंपनी ख़्वावे के संस्थापक रेन झेंग्फ़ेई की बेटी हैं और उन्हें अमेरिका के वॉरंट पर कनाडा में हिरासत में रखा गया है.

साल 2019 में रेन झेंग्फई ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की गिरफ़्तारी राजनीति से प्रेरित है.

कनाडा इस मामले में चीन पर ‘होस्टेज डिप्लोमैसी’ का आरोप लगाता रहा है.

वहीं, चीन का कहना है कि इन दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है.

चुप क्यों हैं पीएम मोदी? – पेगासस मामले में रक्षा मंत्रालय की सफ़ाई पर चिदंबरम ने पूछा

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेगासस जासूसी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ समूह और इसराइल के साथ किसी भी सौदे से खु़द को ‘दोषमुक्त’ किया है.अगर रक्षा मंत्रालय सही है तो एक मंत्रालय/विभाग को हटा देते हैं. बाकी आधा दर्जन सामान्य संदिग्धों के बारे में क्या?’’

चिदंबरम ने कहा,“सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से केवल पीएम ही जवाब दे सकते हैं. वह चुप क्यों हैं?”

इससे पहले सोमवार को भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि जासूसी सॉफ़्टवेयर पेगासस बनाने वाले इसराइल के एनएसओ ग्रुप के साथ उसने किसी तरह का लेनदेन नहीं किया है.

पेगासस एक स्पाइवेयर है जिसके ज़रिए भारत में सरकार की ओर से कथित तौर पर मंत्रियों, राजनेताओं, न्यायाधीशों, पत्रकारों और अन्य लोगों की कथित जासूसी किए जाने के आरोप के सामने आने के बाद हंगामा जारी है.

सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में कई याचिकाएँ दायर की गई हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस मामले की जाँच के लिए एक आयोग गठित किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के जबाव में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा, ”रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीस के साथ किसी तरह का लेनदेन नहीं किया है.”

एनएसओ ग्रुप, इसराइल की एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर कंपनी है.

आरोप हैं कि उसके बनाए पेगासस फोन स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारत समेत कई देशों में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और नेताओं की जासूसी करने के किया गया.

हालांकि एनएसओ ने कहा है कि उसने कोई ग़लत काम नहीं किया है.

भारत में संसद के मॉनसून सत्र में इसी मुद्दे पर बहुत हंगामा हुआ है. विपक्षी दलों ने मोदी सरकार से मांग की है कि संसद में इस मामले पर चर्चा कराई जाए.

भारत सरकार जासूसी के इन आरोपों से इनकार करती आई है. गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘अंतरराष्ट्रीय साज़िश’ करार दिया था.

केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ने इन ख़बरों को ग़लत बताया था.  साभार-बीबीसी न्यूज़ हिंदी

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