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अपेक्षित शुल्क का समय पर भुगतान नहीं करने के कारण एक अंतरधार्मिक जोड़े के विवाह के रजिस्ट्रेशन में देरी हो गई। इसके चलते लड़की का सऊदी अरब जाने का कार्यक्रम टल गया जहां वह नर्स के रूप में काम करती है।
कोच्चि, प्रेट्र। विशेष विवाह अधिनियम के तहत नोटिस के साथ 110 रुपये के अपेक्षित शुल्क का समय पर भुगतान नहीं करने के कारण एक अंतरधार्मिक जोड़े के विवाह के रजिस्ट्रेशन में देरी हो गई। इसके चलते लड़की का सऊदी अरब जाने का कार्यक्रम टल गया, जहां वह नर्स के रूप में काम करती है। इस जोड़े को केरल हाई कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। अदालत ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह का रजिस्ट्रेशन या विधि सम्मत कार्रवाई तब तक नहीं होगी, जब तक कि अपेक्षित शुल्क के साथ नोटिस नहीं दिया जाए।
केरल हाई कोर्ट से भी जोड़ी को नहीं मिली राहत
इस जोड़े ने शुरू में 11 जून को विवाह अधिकारी को विवाह के लिए नोटिस दिया था। लेकिन इसके साथ उन्होंने शुल्क नहीं दिया था। जोड़े की ओर से हाई कोर्ट में पेश हुए वकील आर राजेश ने बताया कि कुछ हफ्ते बाद ही उन दोनों को अहसास हुआ कि केरल विशेष विवाह नियम, 1958 के तहत आवश्यक शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है। इसके चलते उनके नोटिस को प्रकाशित नहीं किया गया।
नोटिस प्रकाशित होने के 30 दिनों के बाद ही रजिस्ट्रेशन संभव
चूंकि उन्होंने नौ जुलाई को शुल्क का भुगतान किया, इसलिए अब नोटिस प्रकाशित होने के 30 दिनों के बाद ही रजिस्ट्रेशन संभव है। यानी विवाह का रजिस्ट्रेशन पांच अगस्त से पहले नहीं किया जा सकता था, जबकि उसी दिन लड़की को सऊदी अरब जाना था। विवाह अधिकारी पांच अगस्त से पहले रजिस्ट्रेशन से इन्कार कर रहे थे। इसलिए जोड़े ने हाई कोर्ट का रुख किया। लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। महिला को अपने होने वाले पति के लिए वीजा पाने की खातिर विवाह प्रमाणपत्र जरूरी है, ताकि वह उसके साथ सऊदी अरब जा सके। साभार-दैनिक जागरण
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