बारिश-बाढ़ का कहर:जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में 18 लोगों की मौत; उत्तराखंड में 80 गांवों का संपर्क टूटा; राजस्थान में 1 अगस्त तक भारी बारिश होगी

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तेज बारिश पहाड़ी राज्यों पर कहर बनकर टूटी है। बुधवार को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बारिश की वजह से हुए हादसों में 18 लोगों की मौत हो गई और 50 लापता हैं। उत्तराखंड में ऋषिकेश-चीला मार्ग पर बीन नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे 80 गांवों से संपर्क टूट गया है। इधर राजस्थान में भी मानसून सक्रिय होने की वजह से बुधवार को भी कई जिलों में बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि 1 अगस्त तक पूर्वी राजस्थान में मानसून सक्रिय रहेगा।

जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटे
अमरनाथ गुफा के पास बुधवार दोपहर 3.45 बजे बादल फटने से भारी बारिश हुई। इससे पहाड़ों से मिट्‌टी और पानी भरभराकर तलहटी में आ गया। अमरनाथ गुफा सुरक्षित है, लेकिन लंगर सेवा, सुरक्षाबलों के कई टेंट और छोटे पुल बह गए। राहत की बात ये रही कि गुफा के आसपास श्रद्धालु नहीं थे; क्योंकि कोरोना के चलते यात्रा पहले ही टाल दी गई है, नहीं तो इस समय वहां हजारों श्रद्धालु होते।

उधर जम्मू के किश्तवाड़ जिले के होंजार गांव में बुधवार को बादल फटने से बाढ़ आ गई। इसमें छह से आठ घर बह गए। मलबे से 8 शव बरामद हो चुके हैं। उधर करगिल में दो जगह बादल फटने से मिनी पॉवर प्रोजेक्ट और एक दर्जन घरों को नुकसान हुआ है।

किश्तवाड़ में आई बाढ़ के बाद रेक्स्यू में जुटे आर्मी के जवान। बुधवार को 12 घायलों को रेस्क्यू कर लिया गया।

हिमाचल प्रदेश: तेज बारिश और बाढ़ से 10 लोगों की मौत
हिमाचल के आपदा प्रबंधन निदेशक एसके मोख्ता ने बताया कि लाहौल-स्पीति के तेजिंग नाले में बाढ़ आने से 10 लोग बह गए। इनमें 7 शव बरामद हुए हैं, वहीं, तीन अभी लापता हैं। चंबा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल्लू में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी और दिल्ली के पर्यटक सहित चार लोग लापता हैं। कुल्लू में मणिकरण के पास ब्रह्मगंगा में जलस्तर बढ़ने से मां-बेटे बह गए।

कुल्लू में बादल फटने के बाद आई बाढ़ से कई घरों और मंदिरों को भारी नुकसान हुआ है।

मौत का मंजर: आंखों के सामने ही बह गए बहू और पोते
मणिकरण निवासी रोशन लाल ने बताया, ‘सुबह करीब 6 बजे का समय था। अचानक तेज आवाजें सुनाई देने लगी। इसी बीच पता चला कि नदी में बाढ़ आ गई है। मैंने घर से निकलकर सुरक्षित स्थान की ओर भागने की कोशिश की। मेरी बहू पूनम अपने 4 साल के बेटे को पीठ पर उठाकर भागने की कोशिश कर रही थी, इसी दौरान ऊपर से भारी मलबा और लकड़ी आई। पलक झपकते ही बहू और पोता मलबे में खो गए। यह मेरा दुर्भाग्य रहा कि मैं उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाया और कुदरत के इस कहर ने मुझे मौका तक नहीं दिया।’

हिमाचल प्रदेश के ठियोग में जगह-जगह नालों में उफान आने से कई वाहन भी बह गए।

उत्तराखंड: 80 गांवों से संपर्क टूटा
गंगोत्री धाम के पास नदी में पहाड़ गिरने और तेज बारिश से गंगा का जल स्तर बढ़ गया है। वहीं ऋषिकेश-चीला मार्ग पर बीन नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है। इससे 80 गांवों से संपर्क टूट गया है। मसूरी के केम्प्टी फाल्स में भी जलस्तर बढ़ गया है।

राजस्थान: एक अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी
प्रदेश में मानसून सक्रिय होने के कारण बुधवार को भी कई जिलों में बारिश हुई। धौलपुर में 39 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि जयपुर में भी दिनभर बादल छाए रहे। मौसम विभाग का कहना है कि एक अगस्त तक पूर्वी राजस्थान में मानसून सक्रिय रहेगा। आज सीकर, अलवर, जयपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, सवाईमाधोपुर और करौली में भारी बारिश के आसार हैं। 30 जुलाई को बारां, सीकर, जयपुर, सवाईमाधोपुर, बूंदी, कोटा, भीलवाड़ा और टोंक में भारी बारिश का अनुमान है। वहीं 31 जुलाई को झुंझुनूं, अलवर, डूंगरपुर में तेज बारिश हो सकती है। साभार-दैनिक भास्कर

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