अवैध निर्माण पर जीडीए उपाध्यक्ष की सख्ती से अवर अभियंताओं में हड़कंप

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गाजियाबाद। अवैध निर्माण के खिलाफ जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश की सख्ती का असर दिखना शुरू हो गया। उपाध्यक्ष के निर्देश के बाद नए नोडल अधिकारी (प्रवर्तन) सीपी त्रिपाठी सक्रिय हो गए हैं। इस कड़ी में उन्होंने प्रवर्तन अनुभाग के अवर अभियंता, सहायक अभियंता व प्रवर्तन प्रभारियों के साथ बैठक की। उसमें स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी सूरत में प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध निर्माण या अवैध प्लाटिग न होने पाए। अवैध निर्माण पर जीडीए उपाध्यक्ष की जीरो टालरेंस की नीति से प्रवर्तन अनुभाग के अवर अभियंताओं में हड़कंप मचा हुआ है।

जीडीए अपर सचिव व नोडल अधिकारी (प्रवर्तन) सीपी त्रिपाठी ने बताया कि बैठक के दौरान मंगलवार सुबह 11 बजे तक सभी अवर अभियंताओं से उनकी डायरी तलब की गई है। उक्त डायरी में अवैध निर्माण व उसके खिलाफ कब-कब क्या कार्रवाई हुई, यह जानकारी दर्ज होती है। अवर अभियंताओं की डायरी मिलने के बाद अलग-अलग क्षेत्र में औचक निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान डायरी में दर्ज अवैध निर्माण के अलावा कहीं और अवैध निर्माण होता मिला या पूर्व में रुकवाया गया अवैध निर्माण दोबारा से होता मिला, तो संबंधित क्षेत्र के अवर अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी कर रिपोर्ट उपाध्यक्ष को सौंपी जाएगी। अवैध निर्माण के लिए क्षेत्र के अवर अभियंता को जिम्मेदार मानकर कड़ी कार्रवाई होगी।

जोन-छह, सात व आठ में सर्वाधिक अवैध निर्माण: जीडीए का जोन-छह यानि इंदिरापुरम, शक्तिखंड, नीतिखंड, ज्ञानखंड, वैभवखंड, अहिसाखंड, अभयखंड, न्यायखंड, वैशाली, कौशांबी क्षेत्र, जोन-सात यानि सूर्यनगर, चंद्रनगर, ब्रिज विहार, रामप्रस्थ, लाजपत नगर, राजेंद्र नगर, श्याम पार्क, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-दो व गणेशपुरी क्षेत्र और जोन-आठ चिकंबरपुर, शहीद नगर, ज्ञानी बार्डर, शालीमार गार्डन मेन, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-प्रथम, भोपुरा, तुलसी निकेतन, कोयल एन्क्लेव, इंद्रप्रस्थ एन्क्लेव व लोनी क्षेत्र। यह तीनों जोन शुरू से ही मलाईदार जोन माने जाते हैं। तीनों जोन में तैनाती के लिए ऊंची सिफारिशें लगती हैं। सिफारिश के दम पर उपरोक्त तीनों जोन में तैनाती पाने वाले अवर अभियंता अवैध निर्माण की आड़ में जमकर खेल करते हैं। इसकी गवाही तीनों जोन में लाइन से बन रही अवैध इमारतें व अवैध प्लाटिग कर बसाई जा रहीं अवैध कालोनियां खुद देती हैं।

साभार : दैनिक जागरण 

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