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पुष्कर सिंह धामी
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. वह विधानसभा में कुमाऊं क्षेत्र की खटीमा सीट की नुमाइंदगी करते हैं और दूसरी बार विधायक चुने गए हैं.
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने राजभवन पहुंचे. कल यानी चार जुलाई को शपथ ग्रहण समारोह में वह राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
Uttarakhand: Pushkar Singh Dhami reaches Raj Bhawan in Dehradun to meet Governor Baby Rani Maurya pic.twitter.com/t8g9ihPjp1
— ANI (@ANI) July 3, 2021
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है. जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे.”
पुष्कर सिंह धामी को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर पार्टी के सांसद अजय भट्ट ने कहा कि वह ‘विनम्र और ईमानदार हैं और हमें इसी (फ़ैसले) की अपेक्षा थी.’ उन्होंने दावा किया कि साल 2022 में पार्टी पहले से भी ज़्यादा बहुमत से जीतने वाली है.
अजय भट्ट ने विधानमंडल दल के इस फ़ैसले को ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि पार्टी ने राज्य में एक युवा नेतृत्व दिया है.
इससे पूर्व दोपहर तीन बजे विधानमंडल दल की बैठक हुई. जिसमें केंद्रीय नेताओं ने भी भाग लिया.
हालांकि, शुक्रवार यानी 2 जुलाई का दिन कयासों और आशंकाओं के बीच ही गुज़रा.
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें अपने कार्यकाल की उपलब्धियां तो गिनाईं लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफ़े पर कुछ भी नहीं कहा. और फिर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के महज़ कुछ घंटों बाद ही उन्होंने राजभवन राजकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया.
हालांकि शनिवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक की घोषणा उनके इस्तीफ़े से पहले ही की जा चुकी थी.
कौन हैं पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के भावी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर ज़िले की खटीमा सीट से लगातार 2 बार के विधायक हैं.
और अब उनके नाम एक नया रिकॉर्ड जुड़ने जा रहा है. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे. 45 साल की उम्र में वह राज्य की बागडोर संभालेंगे.पुष्कर धामी को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का क़रीबी माना जाता है. जब भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री थे तो पुष्कर धामी उनके ओएसडी हुआ करते थे.पुष्कर धामी अभी तक कभी भी किसी कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री के पद पर नहीं रहे हैं. इसके अलावा सरकार चलाने का भी कोई अनुभव उनके पास नहीं है.पुष्कर धामी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से आते हैं और राजपूत जाति से ताल्लुक़ रखते हैं.
कयास..आशंका और देर रात इस्तीफ़ा
उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनते ही लगातार अपने विवादित बयानों से मीडिया में सुर्खियॉं बटोरने वाले तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को महज़ अपने 114 दिनों के कार्यकाल के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
पिछले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के इस्तीफ़े के बाद पौड़ी गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. संविधान के मुताबिक़, पद पर बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले राज्य विधानसभा का सदस्य बनना था लेकिन उन्होंने शुक्रवार देर रात राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया.
इसके साथ ही उत्तराखंड बनने के तक़रीबन 21 सालों में 11वें मुख्यमंत्री को चुने जाने का रास्ता भी खुल गया.
9 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए उत्तराखंड में अब तक 10 मुख्यमंत्री बदल चुके हैं. इनमें से केवल नारायण दत्त तिवारी ही अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे.
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों को उत्तराखंड में शासन के लिए तक़रीबन 10-10 सालों का वक़्त मिला है जिसमें कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के 3 चेहरे दिए तो भाजपा अब तक 6 मुख्यमंत्री के चेहरे उतार चुकी है और अब सातवें की तैयारी है.
बीजेपी ने अपने पॉंच-पॉंच साल के दो शासनकालों में तीन-तीन मुख्यमंत्रियों को बदला है.
तीरथ सिंह रावत के इस इस्तीफ़े का कारण जनप्रतिनिधि क़ानून 1951 की धारा 151 ए के तहत बन गई एक संवैधानिक संकट की स्थित को बताया गया है, लेकिन जानकारों की राय है कि असल में बीजेपी ने यह क़दम संवैधानिक नहीं बल्कि एक राजनीतिक संकट के चलते उठाया है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
उत्तराखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने बीबीसी से बातचीत में कहा “मुझे यह समझ नहीं आता भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में यह प्रयोग क्यों कर रही है. पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया उसके बाद तीरथ सिंह रावत को बनाया.” वो कहते हैं, “पुष्कर सिंह धामी युवा नेता हैं. अच्छा यह रहता कि भारतीय जनता पार्टी पहले उन्हें किसी मंत्रिमंडल में सदस्यता दिलवा लेती. एक-दो साल अनुभव लेते उसके बाद मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती. यह एक प्रीमेच्योर सा डिसीजन है. पुष्कर सिंह धामी के पास अनुभव की कमी है.”
उत्तराखंड में कौन कितने समय के लिए सीएम रहा?
1. नित्यानंद स्वामी : 9 नवंबर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 (354 दिन)
2. भगत सिंह कोश्यारी : 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002 (122 दिन)
3. नारायण दत्त तिवारी : 2 मार्च 2002 से 7 मार्च 2007 (5 साल 5 दिन)
4. भुवन चन्द्र खंडूड़ी : 7 मार्च 2007 से 26 जून 2009 (2 साल 111 दिन)
5. रमेश पोखरियाल निशंक : 27 जून 2009 से 10 सितंबर 2011 (2 साल 75 दिन)
6. भुवन चन्द्र खंडूड़ी : 11 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012 (184 दिन)
7. विजय बहुगुणा : 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 (1 साल 324 दिन)
8. हरीश रावत : 1 फ़रवरी 2014 से 18 मार्च 2017 (3 साल 2 दिन) (राष्ट्रपति शासन के चलते 27 मार्च 2016 और 22 अप्रैल 2016 को क्रमश: 1 और 19 दिनों के लिए 2 बार टैन्योर बाधित)
9. त्रिवेन्द्र सिंह रावत : 18 मार्च 2017 से 10 मार्च 2021 (3 साल 357 दिन)
10. तीरथ सिंह रावत : 10 मार्च 2021 से 2 जुलाई 2021 (114 दिन)
कॉपी:ध्रुव मिश्रा,भूमिका राय,
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