हर बच्चे का व्यवहार अलग होता है और कुछ बच्चों को बात-बात पर शिकायत करने की आदत होती है।
बच्चे अक्सर अपने पैरेंट्स से कोई न कोई शिकायत करते हैं और बच्चों का ऐसा बर्ताव पैरेंट्स को इमोशनली बहुत प्रभावित करता है। पैरेंट्स से कनेक्ट करने के कई तरीकों में से एक यह भी है।
सुबह उठने के बाद दिन में कई बार आपको अपने बच्चे की कंप्लेंट सुननी पड़ती होंगी और आपको कभी यह भी महसूस होता होगा कि आपका बच्चा कंप्लेंट बॉक्स बन गया है।
बच्चों का दिनभर शिकायत करना नैचुरल है लेकिन कई बार यह आदत पैरेंट्स के लिए इमोशनली और मेंटली भारी पड़ सकती है।
बच्चों को समझाएं शिकायत का मतलब
उनकी वीडियो रिकॉर्ड कर के दिखाएं कि वो किस तरह से बात करता है। उसे यह भी बताएं कि जब भी वो इस तरह की बात करता है, तो आपको उसकी बात समझ नहीं आती है।
जब भी बच्चा कॉन्फिडेंस से बात करे, तो उसकी तारीफ करें और उसे प्रोत्साहित करें।
क्या करें पैरेंट्स
अगर आपका बच्चा लगातार शिकायत करता रहता है तो आपको उसके व्यवहार को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए। इसका असर बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और सोशल लाइफ भी बिगड़ जाती है।
यह पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वो बच्चों को जिंदगी में पॉजिटिव बनना सिखाएं। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे की इस आदत को ठीक कर सकते हैं।
प्रॉब्लम सुलझाना सिखाएं
अगर बच्चा प्रॉब्लम के बारे में शिकायत करता है, तो उससे पूछें कि उसके हिसाब से किस तरह इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है। उसे सॉल्यूशन के कुछ ऑप्शन दें। इससे बच्चे की मुश्किल को सुलझाने के स्किल्स बेहतर होंगे बल्कि शिकायत करने की आदत भी कम होगी।
अगर आपका बच्चा किसी भी विपरीत परिस्थिति में नेगेटिव हो जाता है, तो उसे पॉजिटिव चीजें भी दिखाएं। हर सिचुएशन में उसे नेगेटिव और पॉजिटिव पहलू दिखाएं ताकि बच्चे को परेशानी से निकलना खुद आए।
उनकी ही बोली गई नेगेटिव बात को आप पॉजिटिव तरीके से बोलकर बताएं।
उनके इमोशंस को पहचानें
बच्चों के इमोशंस को समझना और पहचानना बहुत जरूरी है। अगर आप बच्चे के इमोशंस को नजरअंदाज करते हैं, तो इसकी वजह से बच्चे को मानसिक स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं।
उन्हें सिखाएं कि मुश्किल आना जिंदगी का एक हिस्सा है और उन्हें इससे डील करना सीखना होगा। अगर आप उनकी बात सुनेंगे, तो वो भी आपकी बात को सुनना और समझना शुरू करेंगे।
बच्चों को अपने व्यवहार में बदलाव करना सिखाएं। जब बच्चा ऐसा करना सीख जाएगा, तो उसे कोई भी बात परेशानी नहीं लगेगी बल्कि वो सिचुएशन के हिसाब से अपनी सोच और व्यवहार को बदल लेगा।
जो भी बच्चे को पसंद नहीं है, उसे उस स्थिति को बदलने के लिए प्रोत्साहित करें। इस तरह बच्चा शिकायत करते रहने की प्रवृत्ति से बाहर निकल पाएगा। साभार-नवभारत टाइम्स
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