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सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दावा किया गया कि एक बुजुर्ग मुस्लिम चार लोगों ने मिलकर बुरी तरह पीटा, उससे जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाए और उसकी दाढ़ी काट दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ लेकिन वीडियो के पीछे की सच्चाई कुछ और है। पुलिस ने वायरल वीडियो में किए गए इन सभी दावों के पीछे की असली वजह बताई है। गाजियाबाद पुलिस ने कहा उन्होंने एफआईआर दर्ज कर ली है और इस मामले में एक व्यक्ति परवेश गुर्जर को घटना में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह घटना 5 जून को हो गई थी, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना दो दिनों के बाद दी गई थी। पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना के पीछे की वजह तांत्रिक साधना है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।
किसी के उकसाने पर लगाए आरोप?
गाजियाहाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कहा है कि बुलंदशहर के रहने वाले पीड़ित अब्दुल समद मे 7 जून को देरी से दर्ज कराई अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने के लिए मजबूर करने और दाढ़ी काटने को लेकर कोई आरोप नहीं लगाया है। पाठक ने संदेह जताया कि कोई और पीड़ित को ये आरोप लगाने के लिए उकसा रहा है। उन्होंने कहा, “अब वह 14 जून को नए आरोप कैसे लगा रहे हैं?”
गाजियाबाद (ग्रामीण) एसपी इराज राजा ने कहा कि गुर्जर को घटना के कुछ दिनों बाद किसी अन्य आपराधिक मामले में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह समद की भी पिटाई करने में शामिल पाया गया था, इसलिए उसे इस मामले में भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
तांत्रिक साधना को लेकर था विवाद
राजा ने कहा कि गुर्जर और उसके साथियों द्वारा समद की पिटाई के पीछे का मकसद दोनों के बीच ताबीज खरीदने को लेकर विवाद था। राजा ने बताया कि समद तांत्रिक साधना किया करता था और उसने अपनी कुछ ताबीज गुर्जर को उसके परिवार से बुरा साया हटाने के लिए दिए थे। लेकिन ताबीज से कोई परिणाम नहीं निकला, इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया था।
गुर्जर की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने बार-बार समद को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया। लेकिन वह कभी पुलिस के पास नहीं आया। एसएसपी ने कहा, समद को भी सोमवार के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह अभी तक पेश नहीं हुआ है।
वायरल वीडियो में किया गया दावा
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दावा किया गया था कि एक मुस्लिम बुजुर्ग की कनपटी पर तमंचा रखकर जय श्रीराम का नारा लगवाया गया और बुजुर्ग की दाढ़ी भी काट दी। बताया गया कि अनूपशहर बुलंदशहर के रहने वाले बुजुर्ग सूफी अब्दुल समद पांच जून की दोपहर लोनी बार्डर थाने के बेहटा हाजीपुर गांव में दरगाह वाली मस्जिद में जा रहे थे। लोनी बार्डर थाने के पास एक आटो चालक ने उन्हें मस्जिद तक पहुंचाने का झांसा देकर अपने आटो में बैठा लिया।
बु़जुर्ग का आरोप है कि आटो में चालक के अलावा तीन अन्य साथी भी बैठ गए। इसके बाद आरोपी उन्हें रेलवे अंडरपास के पास सुनसान स्थान पर ले गए। उसने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की और किसी अज्ञात स्थान पर बने कमरे में ले गए, जहां आरोपी और उसके साथियों ने कनपटी पर तमंचा रखकर उनसे धार्मिक नारे लगवाए।
पीड़ित ने वायरल वीडियो में बताया कि आरोपियों ने दो कैंची निकालकर उससे उनकी दाढी काट दी। घंटों उन्हें प्रताड़ित करने के बाद आरोपियों ने उन्हें रेलवे लाइन के किनारे छोड़ दिया। किसी तरह वह लोगों से रास्ता पूछकर पैदल ही शहीदनगर में रहने वाली अपनी बेटी के घर पहुंचे। फिर सात जून को लोनी बार्डर थाने पहुंचकर अज्ञात आटो चालक व उसके तीन साथियों के खिलाफ तहरीर दी। साभार-हिन्दुस्तान न्यूज़
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