यूपी में किसान BJP के खिलाफ प्रचार करेंगे:टिकैत बोले- हम किसानों से कहेंगे किसी को भी वोट दें, भाजपा को नहीं; मैं न चुनाव लड़ूंगा, न कोई पार्टी बनाऊंगा

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खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि न वे चुनाव लड़ेंगे न ही उनके परिवार का कोई चुनाव लड़ेगा। - Dainik Bhaskar

खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि न वे चुनाव लड़ेंगे न ही उनके परिवार का कोई चुनाव लड़ेगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद किसान नेता राकेश टिकैत भाजपा के खिलाफ और मुखर हो गए हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है तो वे कैसे कहेंगे कि भाजपा को वोट दें। किसान दुखी हैं। हम भी यही अपील कर रहे हैं कि किसी को भी वोट दें। लेकिन भाजपा को नहीं। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे न ही कोई पार्टी बनाएंगे। जानिए क्या कहा टिकैत ने…

सवाल- ममता सरकार ने आपकी मुलाकात को गुप्त रखा, इस पर लाेग सवाल उठा रहे है, ऐसा क्यों?

जवाब- नहीं मेरे प्रोग्राम की सबको जानकारी थी, 4 दिन पहले हमारा प्रोग्राम था। कोरोना की वजह से हम लोग कम संख्या में गए थे। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हम गए थे। व्यक्तिगत मुलाकात नहीं थी। ममता बनर्जी ने कहा था कि जिन लोगों ने हमारी मदद की है, मुझसे आकर मुलाकात करेंगे। हमारी मुलाकात गुप्त नहीं थी।

सवाल- प्रदर्शन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी में हो रहा है, आप मुलाकात करने बंगाल जा रहे हैं?

जवाब- ऐसा नहीं है हमारी मुलाकात होनी थी क्योंकि उन्होंने हमसे कहा था कि चुनाव के बाद हम आपसे मिलेंगे। अलग से बातचीत करेंगे। प्रदर्शन अपनी जगह है, मुलाकात करना अपनी जगह है।

सवाल- आप मोदी, योगी और खट्‌टर से क्यों नहीं मिल रहे हैं?

जवाब- हम तो मिल लेंगे। हम पिछले 7 महीने से इन्हीं के लिए बैठे हैं। सरकार तो यही है, काम इन्हीं को करना है। यह नहीं मिलना चाहते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं। विपक्ष वालों से मुलाकात करने का मतलब वहां की पॉलिसी पर बात कर सकते हैं, वहां और क्या बेहतर हो सकता है। किसी राज्य का कोई मुख्यमंत्री है तो उनसे उसी के बारे में बात करेंगे। भारत सरकार मिलने का कोई समय नहीं दे रही है।

सवाल- अच्छा आप ममता से मिलने क्यों गए थे, क्या बातचीत हुई?

जवाब- हमारी ममता से व्यक्तिगत मुलाकात थी। चुनाव के बाद उनसे मिलना था। उन्होंने कहा है कि हम दिल्ली आएंगे तो किसान यूनियन के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। क्योंकि कोरोना वायरस के चलते चुनिंदा लोगों को ही मुलाकात के लिए अनुमति थी। उन्होंने कहा है कि हम अन्य राज्य के उन मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे, जो विपक्ष में है। हम आपकी मदद, आप के आंदोलन की मदद और आपके मुद्दों की मदद के लिए हर तरीके से तैयार हैं।

सवाल- आपकी मुलाकात पर अन्य किसान नेता भी सवाल उठा रहे हैं?

जवाब- कोई सवाल नहीं उठा रहा है। सभी लोगों को जानकारी थी, हम किसान यूनियन के बैनर तले मिलने गए थे। ये जो लोग बता रहे हैं वह गलत बता रहे हैं। मेरी जानकारी में ऐसी कोई सूचना भी नहीं है।

सवाल- आप कह रहे हैं कि चुनाव में भाजपा को वोट न देने के लिए कहेंगे, तो इस हिसाब से ये आपका राजनीतिक आंदोलन नहीं हो गया?

जवाब- यह कोई राजनीतिक बात नहीं है। हम ऐसे कैसे कह सकते हैं कि बीजेपी को वोट दो। बहुत बढ़िया काम कर रही है। हमारी बात नहीं मान रही है, आंदोलन चल रहा है तो इनको वोट कौन देगा। फिर तो मुझे कहना ही पड़ेगा कि बीजेपी को वोट नहीं देना होगा।

सवाल- आपके भाई नरेश टिकैत भी राजनीतिक दलों के संपर्क में हैं, आप भी चुनाव लड़ चुके हैं, फिर आप राजनीतिक दल क्यों नहीं बना लेते?

जवाब- हमारे परिवार का कोई भी व्यक्ति राजनीति में नहीं है। ना ही हम कोई चुनाव लड़ेंगे ना कोई राजनीतिक दल बनाएंगे। यह एक अफवाह है, इसके अलावा कुछ नहीं।

सवाल- कोरोना की वजह से किसान पीछे हटे हैं, तो क्या अब फिर से आंदोलन बड़ा होगा?

जवाब- किसान पीछे कहां हट गया है, यह तो प्रेस की प्रायोजित है। आज भी अगर प्रेस किसान आंदोलन को दिखा दे तो 200 किलोमीटर से ज्यादा बड़ा आंदोलन दिखाई पड़ेगा। हम कल भी बैठे थे, आज भी बैठे हैं और तब तक बैठे रहेंगे जब तक कानून वापस नहीं लिया जाएगा।

सवाल- केंद्र सरकार ने खाद पर सब्सिडी बढ़ा दी है, इसे किसानों के लिए खुशख़बरी बताया जा रहा है?

जवाब- कहां दे दी सब्सिडी सरकार ने? किसी की तनख्वाह 50 हजार से 25 हजार कर दी जाए। बाद में उसे यह बताया जाए कि यह छूट रहे हैं तो वह कैसे समझेगा। ऐसे ही खाद की बोरी कीमत 1200 से बढ़ाकर 1900 कर दी। फिर उसे कम कर दिया। इससे कोई खुशी नहीं होगी। लोगों को खुशी तब होती जब कीमत 1200 से कम कर देते। तब लगेगा सरकार उनके बारे में सोच रही है।

सवाल- क्या आप भी 2022 के चुनावी मैदान में उतरने का मन बना रहे हैं?

जवाब- हमारा कोई भी प्रत्याशी नहीं उतरेगा। जनता जिससे खुश रहेगी, दुखी रहेगी उसी हिसाब से वोट करेगी।

सवाल- कहा जा रहा है कि आप गुप्त एजेंडे के तहत ममता से मिले थे, टीएमसी और बीएसपी में भी बातचीत हो रही है?

जवाब- कोई गुप्त एजेंडा नहीं था चार-पांच दिन पहले सबको जानकारी थी। खबरें भी चल रही थीं। हम तो वहां पर टीएमसी के मुख्यमंत्री से मिले। हमने बीएसपी के लोगों से मुलाकात नहीं की। ये जो लोग कह रहे हैं, ये गलत बात है।

सवाल- आप बंगाल में चुनाव प्रचार भी कर चुके हैं, ऐसे में सवाल तो उठेंगे कि आप यूपी में भी भाजपा के खिलाफ प्रचार करने वाले हैं?

जवाब- हमने ममता को लेकर कोई भी प्रचार नहीं किया। हमने सिर्फ इतना ही कहा कि भाजपा को वोट नहीं देना है। भाजपा के अलावा आप जिस को वोट देना चाहते हैं दें। हम यूपी में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे। पूरा किसान करेगा, जो दुखी है सब भाजपा के खिलाफ काम करेगा।

साभार दैनिक भास्कर 

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