सिखों की सेवा में कमी नहीं:रोज 4 लाख जरूरतमंदों को भोजन बांटा, अब 50 बेड का कोविड सेंटर तैयार, जहां फ्री होगा इलाज; 100 करोड़ रु. की लागत से अस्पताल बनाने की भी तैयारी

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गुरुद्वारे का सालाना बजट 120 करोड़, पौने दो सौ करोड़ की एफडी बैंक में जमा

कोरोना महामारी के दौर में भगवान के दरवाजे ‘भक्तों’ के लिए तो बंद रहे, लेकिन ‘पीड़ितों’ के लिए खुल गए। कहीं मंदिर ही हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया तो कहीं अलग से कोविड केयर सेंटर तैयार किया गया। हम ऐसे ही धार्मिक स्थलों की कहानी ला रहे हैं। आज दूसरी रिपोर्ट नांदेड़ स्थित तख्त श्री हजूर साहिब से…।

मार्च-2020 में जब भारत में पहली बार कोरोना कर्फ्यू लगा था, तभी से तख्त श्री हजूर साहिब गुरुद्वारे ने लंगर शुरू कर दिया था। प्रतिदिन औसत 4 लाख जरूरतमंदों को प्रसाद बांटा जाता था।

रुद्वारा प्रबंधन ने गांव-गांव में जाकर जरूरतमंदों को प्रसाद बांटा। जगह का चुनाव करने में प्रशासन का भी सहयोग लिया गया।

मार्च 2020 के आखिर में शुरू हुआ यह सिलसिला अक्टूबर-नवंबर तक चला। इस साल अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आई तो वाहेगुरु के दरवाजे फिर अपने भक्तों के लिए खुल गए। 5 हजार राशन की किट बांटी गईं, जिसमें दो से तीन महीने का राशन था। गुरुद्वारे के पास जो पांच सौ कमरे हैं, उन्हें नगर निगम को सौंप दिया गया, ताकि वहां कोरोना मरीजों का इलाज हो सके। इस साल भी लंगर जारी है, लेकिन उतने बड़े स्तर पर नहीं, जितने बड़े स्तर पर पिछले साल था।

कोविड केयर सेंटर तैयार, डायलिसिस भी होगा
कोरोना मरीजों को बेड की दिक्कत हो रही थी और पैसे भी ज्यादा देने पड़ रहे थे। इसलिए गुरुद्वारा प्रबंधन ने 50 बेड का एक कोविड केयर सेंटर तैयार किया है। यहां सभी मरीजों का इलाज फ्री में किया जाएगा। सेंटर में 12 बेड आईसीयू के हैं और ऑक्सीजन की सप्लाई सभी बेड में होगी। कोविड केयर सेंटर के साथ ही डायलिसिस की सुविधा भी यहां मिलेगी।

कोविड केयर सेंटर तैयार हो चुका है। जल्द ही यहां मरीजों को इलाज मिलने लगेगा।

सौ करोड़ की लागत से बनेगा अस्पताल
गुरुद्वारा प्रबंधन समिति सौ करोड़ की लागत से नांदेड़ में एक ऐसा सर्व सुविधायुक्त अस्पताल बनाने जा रही है, जिसके तैयार होने के बाद स्थानीय मरीजों को हैदराबाद-मुंबई के चक्कर नहीं लगाना होंगे।

गुरुद्वारा के प्रमुख जत्थेदार संत बाबा कुलवंत सिंह ने कहा कि, ‘पिछले पचास सालों में जितना भी सोना दान में मिला है, उसका उपयोग अस्पताल बनाने में किया जाए।’ गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष गुरिंदर सिंह बावा कहते हैं, ‘हमारा अनुमान है कि सौ करोड़ में अस्पताल तैयार हो जाएगा। हमारे पास 25 से 30 करोड़ रुपए मूल्य का सोना है और करीब पौन दो सौ करोड़ की एफडी है। इतने पैसों से आराम से अस्पताल बन जाएगा।’

लंगर के साथ ही राशन की 5 हजार किट बांटी गईं। इसमें तीन महीने का राशन दिया गया।

सचिव रविंद्र सिंह कहते हैं, ‘सोना निकालने की जरूरत नहीं होगी। एफडी के पैसों से ही अस्पताल तैयार हो जाएगा। अभी नांदेड़ और आसपास के लोगों को जरा सी तकलीफ बढ़ने पर हैदराबाद और मुंबई के चक्कर लगाना होते हैं, अस्पताल बनने के बाद ऐसा नहीं करना होगा।’

सिंह कहते हैं, ‘हमारे संत बाबा कुलवंत सिंह जी भी बीमार हो गए थे। उन्हें औरंगाबाद से मुंबई लेकर जाना पड़ा। बहुत दिक्कतें हुईं। इसलिए भी हम नांदेड़ में बड़ा अस्पताल जल्द से जल्द खड़ा करना चाहते हैं।’

पांच तख्तों में से एक है तख्त श्री हजूर साहिब, 120 करोड़ सालाना बजट
सिख धर्म के पांच प्रमुख तख्त हैं। इनमें श्री अकाल साहिब अमृतसर, तख्त श्री हरिमंदिर साहिब पटना, तख्त श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर, तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ और तख्त श्री दमदमा साहिब साबो तलवंडी शामिल हैं।

तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ का सालाना बजट 120 करोड़ रुपए है। ऐसा बताया जाता है कि, श्री हजूर साहिब में ही गुरु गोविंद सिंह जी ने आदि ग्रंथ साहिब को गुरुगद्दी बख्शी और ज्योति ज्योत में समाए।

यह सिखों का चौथा तख्त है। 1300 कर्मचारी हैं। हर महीने सिर्फ तनख्वाह में तीन करोड़ रुपए जाते हैं। सचखंड, जम्मू एक्सप्रेस और श्री गंगानगर एक्सप्रेस इन तीनों ट्रेनों से बड़ी संख्या में भक्त नांदेड़ पहुंचते हैं और गुरुद्वारे में आशीर्वाद लेते हैं। साभार-दैनिक भास्कर

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