Baba Ramdev Video Viral: ‘किसी के बाप में दम नहीं जो बाबा को अरेस्‍ट कर सके….’, बवाल के बीच रामदेव का एक और वीडियो वायरल

पढ़िए नवभारत टाइम्स की ये खबर…

एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बाबा रामदेव से बुरी तरह खफा है। आईएमए ने बाबा को नोटिस भेजकर माफी मांगने के लिए बोला है, नहीं तो वह 1 हजार करोड़ रुपये मानहानि का दावा ठोकेगा। इस बीच, रामदेव का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

हाइलाइट्स:

देहरादून। योगगुरु बाबा रामदेव इनदिनों अपने बयानों की वजह से एक बार फिर चर्चा में हैं। बाबा को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की तरफ से मानहानि का नोटिस भेजने की खबर अभी आई ही थी कि उनका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि किसी के बाप में दम नहीं जो बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर सके। रामदेव कहते हैं कि उन्हें बदनाम करने के लिए कई तरह के ट्रेंड सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह की किसी घटना से उन्हें कोई प्रभाव नही पड़ता। यह वीडियो कब का है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वायरल वीडियो में रामदेव कहते दिख रहे हैं- ‘सोशल मीड‍िया पर लोग शोर मचाते हैं क‍ि अरेस्‍ट करो, कभी कुछ चलाते हैं और कभी कुछ चलाते हैं। कभी चलाते है क‍ि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, अरेस्‍ट रामदेव कुछ लोग चलाते हैं। चलाने दो इनको।’ बताया जा रहा है क‍ि सोशल मीडिया पर #arrestbabaramdev के ट्रेंड होने पर एक ऑनलाइन मीटिंग के दौरान बाबा रामदेव ने यह बयान द‍िया है।

आईएमए ने बाबा से माफी मांगने की मांग की
गौरतलब है कि आईएमए ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख स्वामी रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपये का दावा ठोकेगा। डॉक्टरों के संगठन ने मांग की है कि रामदेव को इस बयान के खिलाफ लिखित में माफी मांगनी होगी, अन्यथा कानूनी रूप से ये दावा ठोका जाएगा।

रामदेव के इस बयान पर शुरू हुआ था बवाल
आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है। उन्‍होंने कहा था कि देश में औषधि महानियंत्रक की ओर से कोरोना के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं। उन्होंने कहा था कि अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए। डॉक्‍टरों के विरोध के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव के बयान को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए इसे वापस लेने को कहा था। इसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था और साथ ही आईएमए से 26 सवालों के जवाब मांगे थे। साभार-नवभारत टाइम्स

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