विरार के कोविड सेंटर में आग लगी, ICU में भर्ती 15 में से 13 मरीजों की मौत; अस्पताल में 90 मरीजों का इलाज चल रहा था

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जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है, उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।

महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार वेस्ट में स्थित विजय वल्लभ कोविड सेंटर के ICU में आग लगने से 13 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें 4 महिलाएं शामिल हैं। हादसे के वक्त ICU में 15 मरीज थे और पूरे अस्पताल में 90 मरीज भर्ती थे। इनमें से ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 21 मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।

आग लगने की घटना शुक्रवार तड़के 3 बजकर 25 मिनट की है। आग पर एक घंटे के अंदर काबू पा लिया गया। आग लगने की वजह AC में शॉर्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

अस्पताल के CEO दिलीप शाह ने बताया कि ICU से कुछ आग जैसा गिरा और 1-2 मिनट में ही आग फैल गई।

परिजन का आरोप- आग लगने पर स्टाफ मरीजों को छोड़कर भाग गया
मरीजों के परिजन का आरोप है कि जब आग लगी तब हॉस्पिटल का स्टाफ मरीजों को अंदर छोड़कर बाहर भाग आया था। ऐसे में उन्होंने (परिजन) खुद अंदर जाकर मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त ICU में दो नर्स मौजूद थीं। वहीं अस्पताल के CEO दिलीप शाह ने दावा किया कि रात में अस्पताल में डॉक्टर थे। लेकिन उनसे जब पूछा गया कि हादसे के वक्त कुल कितना स्टाफ ड्यूटी पर था तो वे सही आंकड़ा नहीं बता पाए।

आग लगने की घटना के बाद आनन-फानन में मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।

सूचना मिलने पर मरीजों के परिजन अस्पताल के बाहर जमा हो गए और हंगामा करने लगे। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

दो दिन पहले ही नासिक में हुआ था हादसा
महाराष्ट्र के नासिक में भी बुधवार को सरकारी अस्पताल में बड़ा हादसा हो गया था। यहां नगर निगम के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक हो गया। इसे रिपेयर करने में 30 मिनट का वक्त लगा और इतनी देर ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गई। इसके चलते 24 मरीजों की मौत हो गई थी। जिस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई रोकी गई, उस वक्त 171 मरीज ऑक्सीजन पर और 67 मरीज वेंटिलेटर पर थे।

कोविड अस्पतालों में आग लगने की पुरानी घटनाओं से सबक नहीं

  • मुंबई के भांडुप इलाके में पिछले महीने एक मॉल की तीसरी मंजिल पर बने कोविड हॉस्पिटल में रात करीब 12 बजे आग लग गई थी। हादसे में 10 लोगों की मौत हुई थी। हॉस्पिटल में भर्ती 70 मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया था और इन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया था।
  • पिछले साल 27 नवंबर को गुजरात के राजकोट जिले के एक कोविड अस्पताल में आग लगी थी। हादसे में पांच कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। हॉस्पिटल में 33 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था। मशीनरी में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया गया था।
  • पिछले साल 21 नवंबर को ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य के कोविड केयर सेंटर के ICU में आग लग गई थी। वहां भर्ती 9 मरीजों में से 2 मामूली झुलस गए थे, लेकिन आग से मची अफरातफरी में दो मरीजों की मौत हो गई। एक वेंटिलेटर भी जल गया था।
  • पिछले साल ही 9 अगस्त में आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में एक होटल में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। होटल को कोविड-19 फैसिलिटी सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। घटना के वक्त वहां 40 मरीज थे। मेडिकल स्टाफ के भी 10 लोग थे।
  • इससे 3 दिन पहले, यानी 6 अगस्त 2020 को गुजरात के अहमदाबाद के श्रेय कोविड अस्पताल में भी आग लगी थी। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं थीं। आग अस्पताल की चौथी मंजिल पर लगी थी।

महाराष्ट्र में कोरोना के करीब 7 लाख एक्टिव केस
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे के अंदर 67,013 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। 62,298 लोग रिकवर हुए और 568 लोगों की मौत हो गई। अब तक राज्य में 40 लाख 94 हजार 840 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 33 लाख 30 हजार 747 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 62 हजार 479 की मौत हो गई है। 6 लाख 99 हजार 858 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।साभार-दैनिक भास्कर

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