COVID-19 in India: भारत में इस बार आखिर क्यों इतनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना? एक्सपर्ट ने बताई 4 वजह

ढ़िए  न्यूज़18की ये खबर…

Coronavirus 2nd Wave: कहा जा रहा है कि अप्रैल खत्म होते-होते कोरोना देशभर में पीक पर पहुंच जाएगा. आखिर क्या वजह है कि कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है? क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd wave) ने भारत में तबाही मचा दी है. पिछले साल के मुकाबले इस बार ये वायरस काफी तेज़ी से फैल रहा है. पिछले 24 घंटे में 1 लाख 61 हज़ार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 879 मरीजों की मौत हुई है. इस साल जनवरी के महीने में कोरोना की रफ्तार बेहद कम हो गई थी. लेकिन फरवरी के दूसरे हफ्ते के बाद हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई और अब अप्रैल के महीने में वायरस का संक्रमण सारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है.

कहा जा रहा है कि अप्रैल खत्म होते-होते कोरोना देशभर में पीक पर पहुंच जाएगा. आखिर क्या वजह है कि कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है? क्या कहते हैं एक्सपर्ट? आईए एक नज़र डालते हैं उन चार वजहों पर जिससे कोरोना पर लगाम लगाना मुश्किल हो गया है…

1. कोरोना के अलग-अलग वेरिेंएंट
इस बार दो तरह के वायरस लोगों को परेशान कर रहे हैं- एक देसी और ढेर सारे विदेशी. अब तक ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और न्यूयॉर्क में मिले वेरिएंट भारत में मिले हैं. मार्च के अंत में भारत के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने एक नए वेरिएंट ‘डबल म्यूटेंट’ की जानकारी दी थी. महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब से लिए गए सैंपल में इस वेरिएंट की पहचान हुई थी. वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमिल ने समाचार एजेंसी पीटीाई को बताा कि नए डबल म्यूटेंट के चलते केस लगातार बढ़ रहे हैं. उनके मुताबिक 15-20 फीसदी केस नए वैरिएंट के हैं. ब्रिटेन का नया कोरोना वेरिएंट दूसरे के मुकाबले 50 फीसदी तेज़ी से फैलता है.

2. कोरोना प्रोटोकॉल को नहीं मानना

इस साल जनवरी में कोरोना की रफ्तार थमने के बाद से लोग बेहद लापरवाह हो गए हैं. सरकार भी लोगों से लगातार अपील कर रही है कि वो कोरोना प्रोटोकल को माने. जमील के मुताबिक भारत में सबकुछ खुला है, इसके चलते भी केस काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं. हालांकि राज्य सरकारें अब धीरे-धीरे कई चीज़ों पर पाबंदियां लगा रही हैं.

3. वैक्सीनेशन की रफ्तार
देशभर में जनवरी के दूसरे हफ्ते में वैक्सीनेशन की शुरूआत की गई थी. लेकिन कई लोग वैक्सीन लगाने से झिझक रहे थे. जमिल ने कहा, ‘हेल्थ वर्कर्स भी वैक्सीन लगाने से झिझक रहे थे. इसके अलावा मार्च में जब 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हुआ तब भी लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं आ रहे थे. अब तक सिर्फ .7% लोगों को वैक्सीन की दो डोज लगी है. जबकि सिर्फ 5 फीसदी लोगों ने अब तक वैक्सीन की पहली डोज़ ली है. इसलिए वायरस के संक्रमण पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा है.’

4. खत्म हो रही लोगों में एंटीबॉडीज़
इसके अलावा, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के एक हालिया अध्ययन ने कहा कि कोरोना से संक्रमित 20% से 30% लोगों में छह महीने के बाद एंटीबॉडीज खत्म हो गई. यही वजह कि लोग कोरोना से दोबारा संक्रमित हो रहे हैं. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य तक पीक पर आ सकती है. साभार- न्यूज़18

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

हमारा गाजियाबाद के व्हाट्सअप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करें

Exit mobile version