BJP ऑफिस से बंट रहा रेमडेसिविर:जिस इंजेक्शन की पूरे देश में शॉर्टेज, उसे BJP नेता मुफ्त बांट रहे; विपक्ष का सवाल- पार्टी ऑफिस में कैसे पहुंचा लाइफ सेविंग इंजेक्शन?

पढ़िए दैनिक भास्कर की ये खबर…

पूरे देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब जैसे कई राज्यों में मरीज इसे हासिल करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। MP के इंदौर और भोपाल में हजारों लोग कोरोना पॉजिटिव परिजन के लिए इंजेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बीच गुजरात के सूरत के BJP कार्यालय में लोगों को रेमडेसिविर के इंजेक्शन मुफ्त बांटे जा रहे हैं। उधना इलाके में बने भाजपा कार्यालय में इंजेक्शन लेने के लिए शनिवार सुबह से ही सैकड़ों लोगों की लाइन लगी हुई है।

गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि ऐसा सूरत के भाजपा कार्यालय की पहल पर किया गया है। इंजेक्शन लाने के लिए डॉक्टर का पर्चा और कोरोना रिपोर्ट साथ लानी जरूरी होगी।

सूरत के भाजपा कार्यालय में इस तरह लाइफ सेविंग ड्रग रेमडेसिविर बांटा गया।

हालांकि, ये इंजेक्शन सभी को मुफ्त में दिया जा रहा है। एक व्यक्ति को सिर्फ एक ही इंजेक्शन मिल रहा है। इसके लिए आधार कार्ड की कॉपी जमा कराई जा रही है। भाजपा कार्यालय में 5000 इंजेक्शन पहुंच चुके हैं। अब विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं कि जब अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं है। बाजार में भी ये नहीं मिल रहा है तो भाजपा कार्यालय में इसकी खेप कैसे पहुंची।

सूरत के उधना में बीजेपी कार्यालय के बाहर लोग सुबह से रेमडेसिविर इंजेक्शन की आस में लाइन लगाकर खड़े हुए हैं।

विपक्ष ने कलेक्टर से जांच कराने की मांग की
दो दिन पहले सूरत के कलेक्टर ने आधिकारिक बयान में कहा था कि प्रशासन के पास रेमडेसिविर के पर्याप्त इंजेक्शन नहीं हैं। विपक्षी पार्टियां कलेक्टर से इस बात की जांच कराने की मांग कर रही हैं कि भाजपा ने ये इंजेक्शन किससे खरीदे।

जैसे ही लोगों को पता चला कि BJP कार्यालय में रेमडेसिविर मिल रहा है, लोगों की लंबी लाइन लग गई।

भाजपा पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि ये सिर्फ राजनीति नहीं, बलेकि क्रिमिनल एक्ट है। वहीं, विपक्ष के नेता धर्मेश भंडारी ने भाजपा पर महामारी के समय भी राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया है। भंडारी ने कहा कि अगर प्रशासन के पास इंजेक्शन नहीं हैं तो भाजपा कार्यालय कहां से पहुंच रहे हैं। ये पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में है।

कोरोना में क्यों जरूरी है ये इंजेक्शन?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रेमडेसिविर इंजेक्शन फेफड़े में इन्फेक्शन फैलने से बचाता है। कोरोना संकट काल के दौर में इसकी खास जरूरत पड़ रही है और ये कई मौकों पर कारगर भी साबित हुआ है। कोई व्यक्ति अगर कोरोना से गंभीर हालत में पहुंच गया है, तो उसे इन इंजेक्शनों की जरूरत पड़ती है।

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन फेफड़े में इन्फेक्शन फैलने से रोकता है।

6 कंपनियां बना रहीं इंजेक्शन, कीमत 899 से 5400 तक
देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली 6 फार्मा कंपनियां हैं। इनमें हेट्रो हेल्थकेयर हैदराबाद, मायलोन, सिपला मुंबई, जुब्लियेंट नोएडा, डॉ. रेड्‌डीज हैदराबाद और अहमदाबाद की जायडस केडिला है। इसके एक डोज की कीमत 899 से 5400 रु. तक है, पर कई जगह स्टॉकिस्ट इसे 900 से 15000 रु. तक बेच रहे हैं। साभार-दैनिक भास्कर

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