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ट्रेन का इस्तेमाल रकम इस तरह से भेजने के लिए किए जाने के बाद भी रेलवे जीआरपी आरपीएफ जिस तरह कार्यवाही में सुस्ती दिखा रही हैं। आयकर अधिकारियों के अनुसार जिस तरह से ट्रेन के जरिए यह बैग भेजा गया और पेंट्री के अधिकारी उसे कानपुर तक ले आए।
कानपुर, जेएनएन। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस से मिले 1.4 करोड़ रुपये के नोट भरे बैग के मामले में आयकर विभाग ने अपनी जांच रेलवे के उन अधिकारियों पर केंद्रित कर दी है जो कानपुर से बाहर पोस्टेड हैं लेकिन उनका मूल घर कानपुर में हो। गाजियाबाद की बी4एस सॉल्यूशन प्राइवेट कंपनी रकम लखनऊ जाने की बात कह रही है, लेकिन आयकर अधिकारियों का मानना है कि यह रकम कानपुर में ही उतरनी थी और वह अपनी सही जगह ही उतरी है।
अधिकारियों के मुताबिक कंपनी रेलवे के कार्यों से जुड़ी हुई है। इसलिए कोई रेलवे अधिकारी इससे जुड़ा हुआ है तो उसका कानपुर से जुड़ाव भी होना चाहिए। सामान्यतौर पर कोई भी अधिकारी अपनी पोस्टिंग के स्थान पर इस तरह से रकम मंगाने का रिस्क नहीं उठा सकता। इन स्थितियों में वह अपने मूल घर पर ही ऐसी रकम मंगाता है। इसलिए रेलवे का जो अधिकारी टेंडर आदि के कार्य से जुड़े काम देख रहा हो और कानपुर उसका मूल निवास हो, उसकी ही यह रकम हो सकती है।
आयकर अधिकारियों के अनुसार जिस तरह से ट्रेन के जरिए यह बैग भेजा गया और पेंट्री के अधिकारी उसे कानपुर तक ले आए। रेलवे के ही कर्मचारी उसे ट्रेन से लेकर अपने कार्यालय तक आए और जिस तरह रेलवे के इंटरकॉम पर लगातार फोन आए, उससे पूरी आशंका है कि कोई रेलवे अधिकारी था जिसके लोग लगातार बैग पर निगरानी भी रख रहे थे। ट्रेन का इस्तेमाल रकम इस तरह से भेजने के लिए किए जाने के बाद भी रेलवे, जीआरपी, आरपीएफ जिस तरह कार्यवाही में सुस्ती दिखा रही हैं, आयकर का अंदेशा उनके ऊपर बढ़ता जा रहा है। इसलिए जल्दी ही पेंट्री कार के कर्मचारियों के अलावा जिस कर्मचारी ने बैग उतारा था, उसे आयकर अधिकारी बुलाने वाले हैं। साभार-दैनिक जागरण
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