गाजियाबाद,सर्वे के नाम पर मांगी जा रही रिश्वत

गाजियाबाद : प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पक्का मकान बनाने के लिए 2.50 लाख रुपये दिए जाते हैं, लेकिन योजना का लाभ दिलाने के नाम पर कुछ लोग अवैध उगाही कर रहे हैं। सर्वे करने की बात कहकर कुछ लोग योजना का लाभ लेने वाले आवेदकों के घर जाते हैं और रुपये ले आते हैं। इसके बाद मोबाइल नंबर बंद कर लेते हैं। यह हाल तब है, जब इस तरह के मामले सामने पर 40 एफआइआर पहले ही दर्ज करवाई जा चुकी हैं। लोगों का आरोप है कि भ्रष्टाचार में सरकारी विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं, यही वजह है क आवेदन करने के बाद रिश्वत मांगने वालों तक आवेदक की जानकारी पहुंच जाती है और वे आवेदक के पास जाते हैं। मकान बने तो कर सकूंगी तीन बेटियों की शादी : ओमवती

कांजीमल मोहल्ले में रहने वाली ओमवती के परिवार में पति और पांच बच्चे हैं। ओमवती के पास मकान है लेकिन वह गार्डर पटिया से बना है। इसे कच्चे मकान की श्रेणी में माना जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जब मकान बनाने के लिए ढाई लाख रुपये मिलने की जानकारी हुई तो जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) कार्यालय आकर फार्म भरा। सर्वे करने वाले घर पहुंचे और योजना का लाभ दिलाने की बात कहकर तीन हजार रुपये की रिश्वत ले आए, अब उनका मोबाइल बंद है। ओमवती को अब तक योजना का लाभ नहीं मिला हैं। वह कहती हैं कि घर में तीन बेटियां हैं, उनकी शादी भी मकान कच्चा होने के कारण नहीं कर पा रही हैं। वह चाहती हैं कि योजना का लाभ मिले तो मकान पक्का बनवा लें, इसके बाद बेटियों की शादी करें।

चक्कर लगाते हुए हो गया एक साल, पति की भी चली गई जान : राधा

नंदग्राम से डूडा कार्यालय पहुंचीं राधा ने बताया कि नंदग्राम में प्लॉट है, उस पर मकान बनवाना चाहती हैं। परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। राधा ने बताया कि पति राजू के साथ डूडा कार्यालय पहुंचकर उन्होंने योजना का लाभ लेने के लिए फार्म भरा था। इसके बाद सर्वे करने वाले घर पर गए और 500 रुपये लेकर चले आए, लेकिन अब तक योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल सका है। इस बीच राधा के पति राजू की मौत हो गई। अब राधा की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वह जिस मकान में रहती हैं, उसका किराया देने के लिए रुपये नहीं इकट्ठा हो पाते हैं। सिलबट्टा बेचकर वह किसी तरह गुजर बसर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत मकान बनवाने के लिए पात्रों को मदद दी जा रही है। अब तक 21,253 पात्रों को पहली किस्त मिल चुकी है। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। 40 एफआइआर भी लोनी, विजयनगर, मसूरी सहित अन्य थानों में कराई जा चुकी है। शिकायत मिलने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी। आवेदकों से अपील है कि वे सर्वे करने वालों को रुपये न दें, उनकी शिकायत करें।साभार-दैनिक जागरण

-पवन शर्मा, परियोजना अधिकारी, डूडा

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