जमीन मिलने की अड़चन हुई दूर, रैपिड रेल का काम पकड़ेगा रफ्तार

गाजियाबाद। दिल्ली के सराय काले खां से, गाजियाबाद, मेरठ तक प्रस्तावित रैपिड रेल कॉरिडोर की रुकावटें दूर होती जा रही हैं। दुहाई में प्रस्तावित रैपिड के डिपो के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) को 70 फ़ीसदी जमीन मिल गई है। डिपो के लिए एनसीआरटीसी को भिक्कनपुर गांव, बसंतपुर सैंथली और दुहाई में कुल 51 हेक्टेयर में से 35 हेक्टेयर जमीन मिल चुकी है। निर्माण एजेंसी को काम अवार्ड होने के साथ डिपो का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। उधर, दिल्ली-मेरठ हाईवे पर बनने वाले छह फुट ओवर ब्रिज के लिए जमीन जल्द मिल जाएगी।

एफओबी के लिए स्थानीय प्रशासन ने जमीन के चयन के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। वहीं, डिपो के लिए बाकी जमीन एनसीआरटीसी को जल्द मिलने की संभावना है। 17 किमी लंबे पहले प्राथमिकता वाले खंड में निर्माण कार्य तेज गति से जारी है। साहिबाबाद से दुहाई तक पहले प्राथमिकता वाले खंड में 30 फीसदी निर्माण संबंधी काम पूरा हो चुका है। रैपिड रेल कॉरिडोर का दुहाई में डिपो प्रस्तावित है। जुलाई 2019 में ही दुहाई में रैपिड रेल के डिपो के लिए तीन गांवों की 67.0523 हेक्टेयर जमीन अधिसूचित की गई थी। डिपो के लिए एनसीआरटीसी को 51 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी। इसमें भिक्कनपुर, बसंतपुर सैंथली गांव में और दुहाई की जमीन शामिल थी। जमीन की कीमत सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर एनसीआरटीसी से सहमति नहीं बन पाई थी।

एनसीआरटीसी की ओर से किसानों की ज्यादातर मांगें मानने के चलते डिपो की जमीन का मुद्दा सुलझ गया है। प्राथमिकता वाले सेक्शन में एनसीआरटीसी को मार्च 2023 से संचालन में सफलता मिलती दिखाई दे रही है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड का निर्माण कार्य तेज गति से जारी है। साहिबाबाद से दुहाई तक कुल 525 पिलर्स का निर्माण होना है। इनमें से 375 से अधिक का निर्माण पूरा किया जा चुका है। निर्माण कार्य की गति को देखते हुए एनसीआरटीसी की ओर से सिविल संबंधी कार्य 2022 तक काम पूरा होने की संभावना है।

प्राथमिकता वाले खंड में लगी हैं आठ लॉंचिंग गैंट्री मशीन
रैपिड के प्राथमिकता वाले खंड में साहिबाबाद से मेरठ रोड व मेरठ रोड से दुहाई तक दोनों भागों में करीब डेढ़ किमी का एलिवेटेड ट्रैक (वायडक्ट) का निर्माण पूरा हो चुका है। केवल इस पर रैपिड की पटरी बिछना बाकी है। एलिवेटेड ट्रैक तैयार करने के लिए और वसुंधरा कास्टिंग यार्ड में गार्डर को एलिवेटेड ट्रैक पर लाँच करने के लिए प्राथमिकता वाले खंड में आठ लॉंचिंग गैंट्री मशीनों को लगाया गया है। आने वाले दिनों में पूरी क्षमता से कार्य शुरू होने पर हर माह 1.50 किमी एलिवेटेड ट्रैक (वायडक्ट) का निर्माण किया जाएगा।

छह एफओबी के लिए स्थानीय लोगों की ली जा रही सहमति
रैपिड के गाजियाबाद सेक्शन में दिल्ली-मेरठ हाईवे से गुजरने वाले यातायात को रफ्तार देने और स्थानीय लोगों की सहूलियत के लिए प्रस्तावित छह फुटओवर ब्रिज (एफओबी) के लिए जल्द जमीन मिल जाएगी। स्थानीय प्रशासन की ओर से एफओबी के निर्माण के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। एफओबी बनाने के लिए स्थानीय लोगों की सहमति भी ली जा रही है। एफओबी निर्माण के लिए एनसीआरटीसी की ओर से कॉन्ट्रैक्ट अवार्ड किए जा चुके हैं। जमीन मिलते ही जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा। गाजियाबाद में सिहानी चुंगी, आर्डिनेंस फैक्टरी मुरादनगर, रेलवे रोड मुरादनगर, रेलवे स्टेशन रोड मोदीनगर, मोदीनगर बस स्टैंड और हापुड़ रोड पर मोदीनगर राजचोपला पर साइट चयनित की गई हैं।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी पुनीत वत्स ने बताया कि साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड में निर्माण कार्य तेजी से जारी है। दुहाई डिपो के लिए करीब 70 फीसदी जमीन मिलने के साथ डिपो का काम और गति पकड़ेगा।साभार-अमर उजाला

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