किसानों के लिए अब आसान नहीं होगा सीमा लांघना. रास्ते में मिलेंगे कंटीले तार और कंक्रीट की दीवार

सिंघु बॉर्डर पर रोक का इंतजाम..

किसानों के लिए अब सीमाओं को लांघना आसान नहीं होगा। पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर इस तरह की दीवारें खड़ी कर दी हैं जिन्हें तोड़कर प्रवेश करना अब आसान नहीं होगा। पुलिस धरना स्थल से दिल्ली आने वाले रास्तों पर पांच स्तरीय जर्सी बैरियर के बीच कंक्रीट की दीवारें खड़ी कर रही है। वहीं, इनमें कंक्रीट भरने का काम भी शुरू कर दिया है। कंक्रीट की करीब 10 इंच मोटी दीवारें बनाई जा रही हैं।

दरअसल, सिंघु बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए दिन पर दिन कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। इस कड़ी में मंगलवार को भी यहां भारी मात्रा में जर्सी बैरियर पहुंचे हैं। अब मार्ग के दूसरी तरफ भी जर्सी बैरियर की दीवार बना दी गई है। इससे पहले केवल एक तरफ ही बैरिकेडिंग की गई थी। वहीं, अब प्रतिदिन यहां मिस्त्री व बेलदार दीवारों को तैयार करने के लिए पहुंच रहे हैं। मौके पर मौजूद एक पुलिस के अधिकारी के अनुसार, आला कमान की ओर से कड़ी सुरक्षा के आदेश दिए गए हैं। इसलिए जर्सी बैरियर के बीच में सरियों को बांधकर कंक्रीट भरी जा रही है। यह वजह है कि मुख्य मंच के बाद अब गुरु तेग बहादुर बहादुर मेमोरियल के पास भी कंक्रीट की दीवार बनाई जा रही है।

बाजार और रास्ता पूरी तरह से बंद
सुरक्षा को देखते हुए बॉर्डर पर बाजार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहीं, रास्ते भी बंद हैं। दरअसल, यहां मौजूद भीड़ को देखते हुए स्थानीय लोगों ने यहां बाजार लगाना शुरू कर दिया था। ऐसे में सुबह से लेकर शाम तक यहां चहल पहल लगी रहती थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से पुलिस प्रशासन ने अब बाजार लगाने पर पूरी तरह से मनाही कर दी है। इस वजह से अब बैरिकेडिंग के पार माहौल पूरी तरह से शांत हो चुका है।

कुंडली बॉर्डर से पहुंच रहा किसानों को पानी
हर तरफ से रास्ता बंद होने के कारण अब किसानों के पास कुंडली बॉर्डर से पानी व अन्य खाद्य उत्पादों को आपूर्ति हो रही है। वहीं, कुछ लोग गांव के रास्ते से भी आपूर्ति कर रहे हैं। इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए पानी के टैंकरों को भी कुछ मीटर की दूरी पर रोक लिया गया था।

इंटरनेट सेवा प्रभावित होने से बढ़ी परेशानी
बॉर्डर पर सुरक्षा कारणों से इंटरनेट सेवा प्रभावित होन से किसानों व स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इंटरनेट प्रभावित होने से किसान अब सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य संगठनों से भी संपर्क साधने में असमर्थ हैं। वहीं, विभिन्न संगठनों द्वारा दी जाने वाली अपडेट भी नहीं मिल पा रही है। उधर, स्थानीय लोगों के बच्चों को भी ऑनलाइन कक्षा में परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इंटरनेट सेवा प्रभावित हुए करीब सात दिन हो चुके हैं। इस वजह से दिन पर दिन परेशानी बढ़ रही है। बच्चे स्कूली शिक्षा से पूरी तरह से दूर हो चुके हैं। अभी तक स्कूल की ओर से क्या काम दिया गया है इसकी भी जानकारी नहीं है। वहीं, बच्चों की उपस्थिति भी नहीं लग रही है।साभार-अमर उजाला

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