गाजियाबाद में स्टाम्प वाद निस्तारण के लिए समाधान योजना, 31 मार्च 2025 तक लागू

गाजियाबाद:- उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टाम्प वादों के त्वरित निस्तारण और नागरिकों को राहत देने के लिए एक विशेष समाधान योजना की शुरुआत की है। यह योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। सहायक आयुक्त स्टाम्प, गाजियाबाद, श्री पुष्पेंद्र कुमार ने इस योजना के संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह पहल न्यायालयों में लंबित वादों को कम करने और स्टाम्प कमी की धनराशि शीघ्रता से प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
योजना के उद्देश्य और लाभ
यह योजना भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के अंतर्गत लंबित मामलों में लागू होगी। इसका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाना और न्यायालयों पर बढ़ते दबाव को कम करना है।
योजना के अंतर्गत:
1. स्टाम्प कमी की धनराशि जमा करने की प्रक्रिया
यदि किसी पक्षकार का स्टाम्प वाद लंबित है और वह स्टाम्प कमी की धनराशि नियमानुसार ब्याज के साथ जमा करने के लिए इच्छुक है, तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है।
पक्षकार को ₹100 के टोकन अर्थदंड के साथ धनराशि जमा करनी होगी।
2. त्वरित समाधान
धनराशि जमा करने के बाद वाद का त्वरित निस्तारण किया जाएगा, जिससे पक्षकारों को शीघ्र न्याय मिलेगा।
3. प्रक्रिया का सरलीकरण
पक्षकार संबंधित न्यायालय या मा० सी०सी०आर०ए० में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
न्यायिक सुधार की दिशा में कदम
गाजियाबाद में स्टाम्प वादों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह योजना एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न्यायालयों पर बढ़ते दबाव को कम करने और लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
अंतिम तिथि का विशेष ध्यान
यह समाधान योजना 31 मार्च 2025 तक ही प्रभावी रहेगी। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इस योजना का लाभ उठाकर अपने स्टाम्प वादों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करें।
यह योजना न केवल लंबित वादों को कम करेगी, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी और सुगम बनाएगी।
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