दिल्ली हिंसाः मिटाए थे सुबूत, अब रवनीत का शव ले जाने वालों पर दर्ज होगा मामला

अपराध शाखा ने 26 जनवरी को आईटीओ पर हिंसा के दौरान हुई किसान रवनीत की मौत के मामले की जांच तेजी से शुरू कर दी है। अपराध शाखा मौके से उसका शव व क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर ले जाने वालों पर केस दर्ज करेगी। दिल्ली पुलिस ने इन लोगों की पहचान करना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ पूछताछ में शामिल नहीं होने पर अपराध शाखा ने किसान नेताओं को दूसरा नोटिस देना शुरू कर दिया है।

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 26 जनवरी को आईटीओ पर हिंसा के दौरान यूपी के जिला रामपुर के गांव बिलासपुर निवासी किसान रवनीत सिंह की मौत हो गई थी। आंदोलनकारी किसानों ने यहां से पुलिस को भगा दिया था। अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि एक तो रवनीत सिंह को शुरुआत में उपचार नहीं मिला। उसके साथी उसे अस्पताल भी नहीं ले गए। इसके अलावा वह उसका शव और क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर ले गए। ऐसे में सुबूत मिटाने का मामला दर्ज किया जा रहा है।

रवनीत के शव का बिलासपुर में पोस्टमार्टम हुआ था। आईटीओ हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा की टीम को शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है। सिर में चोट लगने से रवनीत सिंह की मौत हुई है। पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि आईटीओ पर चार घंटे हिंसा की गई थी। पुलिस की शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि हिंसा करने वाले  गाजीपुर की तरफ से आए थे। इनमें ज्यादातर यूपी व उत्तराखंड के किसान शामिल हैं।

तीन दिन में पूछताछ में शामिल होने को कहा
दिल्ली पुलिस ने पहले नोटिस पर पूछताछ में शामिल नहीं हुए किसान नेताओं को दूसरा नोटिस देना शुरू कर दिया है। नांगलोई हिंसा मामले में किसान नेता बूटा सिंह को दूसरा नोटिस दिया गया है। उन्हें तीन दिन के अंदर पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा गया है। अपराध शाखा का कहना है कि नांगलोई में टीकरी बॉर्डर की तरफ से आए किसानों ने हिंसा की थी। इन नेताओं का नेतृत्व बूटा सिंह ने किया।

एएसआई की शिकायत पर मामला दर्ज
आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की शिकायत पर कोतवाली थाने में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर की जांच भी अपराध शाखा को सौंप दी गई है। एएसआई की टीम को सर्वे के दौरान पता चला है कि आंदोलनकारी किसानों ने तोड़फोड़ करते हुए ऐतिहासिक धरोहर लाल किले को नुकसान पहुंचाया है।

फरार आरोपियों पर घोषित हो सकता है इनाम
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ऐसे आरोपी जिनकी पहचान हो चुकी है और वह फरार हैं उन पर जल्द ही एफआईआर दर्ज कर सकती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी बहुत ही अहम है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस इनाम घोषित कर सकती है। साभार  अमर उजाला

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