अब देश में कोई बैंक डूबा या वित्तीय दबाव के चलते किसी बैंक से जमाकर्ताओं को भुगतान रोका गया तो उन्हें जमा राशि के एवज में अधिकतम पांच लाख रुपये की बीमा राशि का तुरंत भुगतान हो सकेगा।
अब देश में कोई बैंक डूबा या वित्तीय दबाव के चलते किसी बैंक से जमाकर्ताओं को भुगतान रोका गया तो उन्हें जमा राशि के एवज में अधिकतम पांच लाख रुपये की बीमा राशि का तुरंत भुगतान हो सकेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश करते हुए एलान किया कि इससे संबंधित संशोधन विधेयक बजट सत्र में ही लाया जा रहा है। बता दें, सरकार ने बैंकों में जमा होने वाली ग्राहकों की रकम का क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन एक्ट 1961 के तहत बीमा अनिवार्य किया हुआ है। इसके तहत बैंक के संकट में आने पर पहले अधिकतम एक लाख रुपये ही बतौर मुआवजा देने का प्रावधान था, लेकिन इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा चुका है।
बजट भाषण में की गई घोषणा से अब किसी बैंक के संकटग्रस्त होने पर जमाकर्ताओं को तत्काल अधिकतम पांच लाख रुपये मिल सकेंगे, ताकि उनकी तात्कालिक वित्तीय जरूरतों की पूर्ति हा सके।
बीते वर्ष पीएमसी व यस बैंक के संकट में आने के बाद सरकार ने बीमा राशि एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी थी। हालांकि यह भी राशि भी निवेशकों को तत्काल नहीं मिल सकी। कई जमाकर्ता इस कारण मुसीबतों में फंस गए और उन्हें भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ा। साभार-अमर उजाला
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