दिल्ली का आनंद विहार जल्द ही एक बड़ा ट्रांसपॉर्ट हब बनने को तैयार है। आनंद विहार रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, दिल्ली मेट्रो नेटवर्क, भारतीय रेलवे व अंतरराज्यीय बसों का सबसे बड़ा इंटरचेंज होगा। परिवहन के सभी माध्यम भूमिगत व हवाई रास्ते से आपस में जुड़े होंगे। इससे यात्रियों को सड़क पर बीच सड़क पर दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। एक परिसर के अंदर मुसाफिर अपनी जरूरत के हिसाब से एक माध्यम से दूसरे माध्यम पर सवारी कर सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि आरआरटीएस के राजधानी तक पहुंचते ही आनंद विहार पर यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। परिवहन के चारों माध्यम आपस में जुड़े होने से लोगों को सड़क पर नहीं निकलना होगा।
दरअसल, दिल्ली-मेरठ रूट पर आरआरटीएस के राजधानी के 13 किमी लंबे हिस्से में तीन स्टेशन बनने हैं। सराय काले खां से चलने के बाद दूसरा स्टेशन न्यू अशोक नगर और आगे आनंद विहार होगा। इसके बाद रैपिड ट्रेन उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर जाएगी। सराय काले खां व न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के नजदीक निर्माण से पहले की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इसमें जियो-टेक जांच, पाइल लोड परीक्षण, जीपीआर सर्वे, टोपोग्राफिकल सर्वे, ईएचटी लाइन की शिफ्टिंग आदि से जुड़े काम अंतिम चरण में हैं। इसके पूरा होने के बाद जमीन पर काम शुरू होगा।
आरआरटीएस से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरआरटीएस का आनंद विहार स्टेशन अंडुग्राउंड होगा। यह स्टेशन इस रूट के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक होगा। यहां ट्रांसपोर्ट के चार माध्यम एक-दूसरे से मिलते हैं। स्टेशन के इंट्री व एक्जिट प्वाइंट का इस तरह से तैयार किया जाएगा कि आईएसबीटी आनंद विहार व कौशांबी बस अड्डा, रेलवे स्टेशन व मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए यात्रियों को सड़क पर न जाना पड़े। इसके लिए जरूरत व जगह की उपलब्धता के हिसाब से पैदल अंडरग्राउंड या ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे।
एस्कैलेटर, ट्रेवलेटर व मल्टीलेवल पार्किंग की रहेगी सुविधा
राहगीरों की सहूलियत के लिए एस्कलेटर व ट्रेवलेटर का पूरे कैंपस में जाल बिछेगा। इससे यात्रियों को कम से कम चलना होगा। मेट्रो, ट्रेन, रैपिड रेल व बस से निकलकर यात्री अपनी मंजिल की तरफ जा सकेंगे। अधिकारियों का मानना है कि सहूलियत होने से यात्री अपने निजी वाहन का कम से कम इस्तेमाल करेंगे।
दिल्ली-एनसीआर से जोड़ेगा आरआरटीएस
रैपिड रेल के चालू होने से एनसीआर से संपर्क सघन होगा। मेरठ तक के यात्री सीधे आनंद विहार पहुंच सकेंगे। रेलवे पूर्वी यूपी, बिहार के साथ पूर्वोत्तर भारत, उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर तक पहुंचाएगा। दिल्ली मेट्रो दिल्ली के अंदर की यात्रा करवाएगी तो बसें दिल्ली समेत उत्तराखंड व यूपी जाने वालों का सहूलियतें देंगी।
मेट्रो की दो लाइन भी जुड़ती
आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर दिल्ली मेट्रो की दो लाइनें भी एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। इंटीग्रेटेड प्लैटफॉरम पर चार लाइनें है। इसमें दो ब्लू लाइन के लिए जो वैशाली और यमुना बैंक की ओर जाती हैं और पिंक लाइन, जो मजलिस पार्क और त्रिलोकपुरी की और जाती है।
अधिकारियों की राय:
आनंद विहार को विश्व स्तरीय स्टेशन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। नागिरक सुविधाओं के साथ मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा होगी। स्टेशन को आरआरटीएस, बस व मेट्रो से जोड़ने की योजना तैयार हो रही है। कोशिश यही रहेगी कि यात्री सहूलियत से एक से दूसरे मोड पर शिफ्ट हो सकें।
दीपक कुमार, सीपीआरओ, उत्तर रेलवे
2025 में आरआरटीएस के आने के बाद आनंद विहार पर परिवहन के सभी माध्यमों का मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन किया जाएगा। जरूरत के हिसाब से लिफ्ट, एस्कलेटर, अंडरग्राउंड व ओवर ब्रिज के जरिए ट्रांसपोर्ट के सभी मोड आपस में जुड़े रहेंगे। इससे यात्रियों का अपने लगेज के साथ सड़क पर चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। वह आसानी से आरआरटीएस से रेलवे स्टेशन, आनंद विहार व कौशांबी बस अड्डे व दिल्ली मेट्रो पर पहुंच सकेंगे।साभार-अमर उजाला
पुनीत वत्स, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी
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