Meerut News: मेरठ में माहौल गर्म, मकानों के बाहर लिखा मकान बिकाऊ है; जानें पूरा मामला

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मेरठ के साकेत में केक फैक्ट्री के बराबर में पुराने मकान को तोड़कर किए जा रहे नए व्यवसायिक निर्माण को लेकर माहौल गर्मा गया है। निर्माण पर आपत्ति जताते हुए मनोरंजन पार्क के कई लोगों ने अपने मकान के बाहर पोस्टर लगा दिया है कि मकान बिकाऊ है।

मेरठ। मेरठ के साकेत में केक फैक्ट्री के बराबर में पुराने मकान को तोड़कर किए जा रहे नए व्यवसायिक निर्माण को लेकर माहौल गर्मा गया है। निर्माण पर आपत्ति जताते हुए मनोरंजन पार्क के कई लोगों ने अपने मकान के बाहर पोस्टर लगा दिया है कि मकान बिकाऊ है। साकेत सोसाइटी की ओर से भी मंडलायुक्त को शिकायत की गई है।

मनोरंजन पार्क के लोगों की ओर से मंडलायुक्त को शिकायत भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि केक फैक्ट्री के बराबर में मकान में व्यवसायिक अवैध निर्माण हो रहा है लेकिन एमडीए उसे रोकने के बजाय बढ़ावा दे रहा है, जिस पर दिन भर काम जारी रहता है। पुराने मकान को तोड़कर कार्मिशयल निर्माण किया जा रहा है। यही नहीं उसमें नगर निगम की 100 वर्ग गज की भूमि भी शामिल है, उस पर कब्जा किया गया है, जबकि इतनी जमीन कच्ची सड़क के लिए आरक्षित होती है।

अवैध निर्माण की वजह से जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराए यह निर्माण किया जा रहा है। इससे साकेत के निवासियों में रोष व्याप्त है। लोगों ने बताया कि सुनवाई नहीं हुई तो जल्द ही स्थानीय लोग धरना शुरू कर देंगे। शिकायत पत्र पर आशीष, दीपेंद्र, अनुज, विनोद आदि ने हस्ताक्षर किए। वहीं दी मेरठ सहकारी आवास समिति के सचिव ने भी मंडलायुक्त को इसी प्रकरण की शिकायत की है। मांग की है कि पैमाइश कराकर रास्ते का कब्जा हटवाया जाए क्योंकि वहां का रास्ता पहले से ही संकरा है।

मकान का निर्माण अवैध नहीं : एमडीए

एमडीए के जोनल अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि लोगों की शिकायत पर उन्होंने सोमवार को मौके पर निरीक्षण किया है। अवैध निर्माण नहीं हो रहा है। पुराने मकान में अंदर के ढांचे को तोड़कर नया ढांचा बनाया जा रहा है। 1963 में बना हुआ यह मकान है। ऐसे में इसका मानचित्र जरूरी नहीं है यदि उसका बाहरी स्वरूप न बदला जाए और न ही उपयोग बदला जाए। यह आवासीय मकान है जिसका प्रयोग मकान के रूप में किया जाएगा। दुकानें नहीं बन रही हैं। इसके लिए शपथ पत्र लिया गया है।साभार-दैनिक जागरण

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