यूपी: डिग्री कॉलेज में जहरीली शराब बनाने की फैक्टरी का पर्दाफाश, 100 पेटी बरामद, तीन गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में तीन साल से बंद पड़े डिग्री कॉलेज में जहरीली शराब की फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ है। जहरीली शराब मंसूरपुर स्थित डिस्टलरी के रैपर लगाकर सप्लाई होती थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 100 पेटी शराब बरामद की है। मुख्य आरोपी सरधना के सचिन की तलाश में दबिश जारी है।

जानी थानाक्षेत्र के अंतर्गत भोला रोड स्थित पेपला गांव के पास महेंद्र प्रताप डिग्री कॉलेज तीन साल से बंद पड़ा है। बृहस्पतिवार रात मुखबिर की सूचना पर कंकरखेड़ा और जानी पुलिस ने कॉलेज में छापा मारा। जहां पर जहरीली शराब की फैक्टरी चलती मिली। पुलिस ने तीन आरोपी विकास, भूरा निवासी पेपला और चौकीदार जाकिर को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार मौके से शराब की 100 पेटियों के अलावा मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर स्थित डिस्टलरी के नाम के 20 हजार रैपर, 30 हजार पव्वे, पांच हजार लीटर शराब का घोल एक ड्रम में मिला है।
शराब बनाने का अन्य सामान भी बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि बंद पड़े कॉलेज में नकली शराब बनाने का काम चल रहा था। शराब बनाने का सामान परीक्षितगढ़ और हस्तिनापुर खादर इलाके से सप्लाई हो रहा था।

पंचायत चुनाव के लिए तैयार हो रही थी शराब
डिग्री कॉलेज में भारी मात्रा में यह शराब आगामी पंचायत चुनाव के लिए तैयार हो रही थी। बताया गया कि पिछले दो महीने से शराब की मांग बढ़ रही थी। पंचायत चुनाव के अलावा भी गांव-गांव में शराब बेचने वालों के पास यह जहरीली शराब जा रही थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों से घंटों पूछताछ की। पुलिस का दावा है कि इस फैक्टरी में एक दर्जन से ज्यादा लोग शराब बनाने का काम करते थे। अब उनकी तलाश शुरू कर दी।

हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ इलाके में भी दबिश
पुलिस के अनुसार नकली शराब बनाने का काम हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ के खादर इलाके में ज्यादा चलता है। पूछताछ में तीनों आरोपियों ने खादर इलाके से शराब बनाने का सामान सप्लाई होना बताया है। जिसके बाद कंकरखेड़ा व जानी पुलिस ने हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़ इलाके में दबिश दी। लेकिन कोई भी आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।

ब्रांडेड रैपर लगाकर तैयार करते थे शराब
जहरीली शराब को तैयार कर उन पर ब्रांडेड रैपर लगाकर सप्लाई करने का काम कॉलेज में चल रहा था। बताया गया कि लॉकडाउन लगने के बाद बंद पड़े कॉलेज में शराब फैक्टरी शुरू की गई। कॉलेज में चौकीदार रहता था, जिससे किसी को आभास भी नहीं हुआ कि अंदर शराब बनाने का काम चल रहा है। चौकीदार भी शराब बनाने के मामले में लिप्त था।साभार-अमर उजाला

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