Farmers Protest: किसान एकता मोर्चा के पेज को सस्‍पेंड करने पर फेसबुक ने दी सफाई

किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को सस्‍पेंड करने के पीछे कंपनी ने स्पष्टीकरण दिया है। फेसबुक प्रवक्‍ता ने कहा कि स्वचालित सिस्टम ने पेज पर एक बढ़ी गतिविधि पाई और इसे स्पैम के रूप में चिह्नित किया गया। पेज को 3 घंटे के भीतर बहाल कर दिया गया था।

नई दिल्‍ली, एएनआइ। किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को सस्‍पेंड करने के पीछे के कारण को कंपनी ने स्पष्टीकरण दिया है। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक प्रवक्‍ता ने सोमवार को कहा कि इसके स्वचालित सिस्टम ने पेज पर बढ़ी गतिविधि पाई और इसे “स्पैम” के रूप में चिह्नित किया गया। पेज को 3 घंटे के भीतर बहाल कर दिया गया था। पेज को ब्‍लॉक किए जाने पर किसान संगठनों ने विरोध जताया था।  फेसबुक ने रविवार को किसान एकता मोर्चा के पेज को कथित तौर पर प्‍लेटफार्म के सामुदायिक मानक के खिलाफ स्पैम पाए जाने के लिए ब्लॉक कर दिया था। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पेज को बाद में बहाल कर दिया गया।

फेसबुक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि हमारी समीक्षा के अनुसार हमारे स्वचालित सिस्टम ने फेसबुक पेज किसान एकता मोर्चा  पर एक बढ़ी हुई गतिविधि को पाया और इसे स्पैम के रूप में चिह्नित किया, जो हमारे सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करता है। जब हम जागरूक हुए तो हमने पेज को 3 घंटे से भी कम समय में पुनर्स्थापित कर दिया।

प्रवक्ता ने कहा कि समीक्षा से पता चला कि केवल फेसबुक पेज स्वचालित प्रणालियों से प्रभावित था, जबकि इंस्टाग्राम अकाउंट अप्रभावित रहा। कंपनी ने कहा कि स्पैम से लड़ने में अपने काम का अधिकांश हिस्सा स्वचालित रूप से समस्याग्रस्त व्यवहार के पहचानने योग्य पैटर्न का उपयोग करके किया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई अकांडट बहुत तेजी से पोस्ट कर रहा है तो यह एक मजबूत संकेत है कि कुछ गलत है। हालांकि, हम अपनी समीक्षा टीम पर भी भरोसा करते हैं ताकि उन मामलों पर काम किया जा सके जहां किसी विशेष परिस्थिति के संदर्भ को समझने के लिए मनुष्‍य विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रवक्ता ने कहा कि Q3 में 2020 में स्पैम पर हमारी नीतियों का उल्लंघन करने के लिए वैश्विक स्तर पर निकाले गए सामग्री के 1.9 बिलियन टुकड़ों में से हमने वैश्विक स्तर पर 74.9 मिलियन सामग्री को पुनर्स्थापित किया, जब हमने खुद मुद्दों की पहचान की।

यह तब हो रहा है जब हजारों किसान हाल में संसद द्वारा पारित किए कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार और किसान नेता कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। हालांकि, अभी तक सभी चर्चाएं बेनतीजा रही हैं। साभार-दैनिक जागरण

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