गाजियाबाद। शहर के विकास को रफ्तार देने के साथ नई पहचान देने के उद्देश्य से जीडीए ने कई प्रोजेक्ट तैयार किए थे। सालों के मंथन और कवायद के बाद आधा दर्जन प्रोजेक्ट के विकास का खाका भी खींचा गया लेकिन अब यह प्रोजेक्ट जीडीए की प्राथमिकता से बाहर हो गए हैं। इनमें शहर के यातायात को रफ्तार देने वाले एलिवेटेड रोड विस्तार और सेकेंड एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। इसके अलावा हापुड़ चुंगी पर नया फ्लाईओवर, हिंडन रिवर फ्रंट और टॉय ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद प्रोजेक्ट फाइलों में कैद होकर रह गए हैं।
घंटाघर से भाटिया मोड़ सेकेंड एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट हुआ बंद
घंटाघर से भाटिया मोड़ तक बनने वाली शहर की दूसरी एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की फाइल ठंडे बस्ते में चली गई है। महानगर की दूसरी 2.30 किमी लंबी नई एलिवेटेड रोड के निर्माण पर 253 करोड़ खर्च होने थे। सीआरआरआई ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर जीडीए को सौंप दी थी। जीडीए की अवस्थापना निधि की बैठक में स्वीकृति मिल चुकी थी। महानगर के सबसे व्यस्त मार्गों में शुमार जीटी रोड पर सुबह से शाम तक जाम की स्थिति रहने और सभी ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान फेल रहने के बाद दूसरी एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। लंबी चौड़ी कवायद के बाद प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से बाहर कर दिया गया है।
एलिवेटेड रोड विस्तार प्रोजेक्ट पटरी से उतरा
राजनगर एक्सटेंशन से यूपी गेट तक बनी देश की सबसे लंबी सिंगल पिलर एलिवेटेड रोड का डीएनडी तक विस्तार होना था। एलिवेटेड रोड को हिंडन कैनाल बैंक से होते हुए पहले चिल्ला रेगुलेटर और फिर डीएनडी तक विस्तार दिया जाना था। एलिवेटेड रोड के विस्तार प्रोजेक्ट के एलाइनमेंट के लिए जीडीए की सलाहकार फर्म ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। सलाहकार फर्म ने 6.9 किमी लंबे छह लेन के प्लान की पूरी जानकारी दी। छह लेन की एलिवेटेड रोड का विस्तार हिंडन कैनाल बैंक रोड से डीएनडी तक होना था। मगर अब यह प्रोजेक्ट भी पटरी से उतर गया है।
हापुड़ चुंगी फ्लाईओवर प्राथमिकता से हुआ बाहर
महानगर के नए जाम प्वाइंट हापुड़ चुंगी पर जीडीए ने नया फ्लाईओवर बनाने की योजना तैयार की थी। जीडीए ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार कर प्रोजेक्ट का खाका खींचा था। छह लेन के बनने वाले फ्लाईओवर से एनएच-58 से एनएच-24 पर कविनगर व शास्त्रीनगर जाने वाले लोगों को राहत मिलनी थी। फ्लाईओवर के निर्माण पर करीब 65 करोड़ रुपये खर्च होने थे। मगर जीडीए ने अब इस प्रोजेक्ट को भी अपनी प्राथमिकता से बाहर कर दिया है।
हिंडन रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट पर काम हुआ बंद
लखनऊ गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित होने वाले हिंडन रिवर फ्रंट के निर्माण की कवायद पूरी तरह से बंद है। पहले जीडीए ने सिंचाई विभाग को रिवर फ्रंट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। सिंचाई विभाग की ओर से रिवर फ्रंट की साइट पर मिट्टी की जांच आईआईटी रुड़की से कराई जा रही थी। लेकिन कोरोना के बाद बदली परिस्थितियों के कारण जीडीए ने प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। प्राधिकरण की योजना हिंडन नदी और सिटी फॉरेस्ट किनारे रिवर फ्रंट तैयार करने की थी। करहेड़ा से कनावनी पर हिंडन के पुराने रेलवे पुल तक हिंडन रिवर फ्रंट के विकास की योजना है थी। हिंडन रिवर फ्रंट परियोजना के विकास पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना थी।
टॉय ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम हुआ बंद
सिटी फॉरेस्ट में टॉय ट्रेन के संचालन के प्रोजेक्ट पर काम बंद हो गया है। रेलवे की संस्था सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर मॉडर्नाइजेशन ऑफ वर्कशॉप (कॉफमोव) ने सर्वे कर सिटी फॉरेस्ट में टॉय ट्रेन के रूट का निर्धारण भी कर दिया था। सिटी फॉरेस्ट में 1.60 किमी क्षेत्र में टॉय ट्रेन का संचालन प्रस्तावित है। टॉय ट्रेन से 125 एकड़ में फैले सिटी फॉरेस्ट और हिंडन नदी का दीदार किया जा सकेगा। रेलवे की संस्था कॉफमोव ने सिटी फॉरेस्ट के किन-किन पॉकेट से होकर टॉय ट्रेन का संचालन होगा, उसके रूट को निर्धारित कर दिया है। टॉय ट्रेन प्रदेश के गाजियाबाद सहित लखनऊ, आगरा और कानपुर में चलेगी। रेलवे की संस्था कॉफमोव ने प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर शासन को सौंप दी थी। कोरोना के बाद बदली परिस्थितियों के कारण प्रोजेक्ट को फिलहाल प्राथमिकता से बाहर रखा गया है।साभार-अमर उजाला
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