रोड पर चल रहे आधे से अधिक वाहनों का इंश्योरेंस नहीं, दोपहिया वाहनों की तादाद सबसे ज्यादा- रिपोर्ट

इंश्यारेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (IIB) की रिपोर्ट से पता चलता है कि 50% से ज्यादा वाहनों के पास इंश्योरेंस कवर नहीं है. इनमें दोपहिया वाहनों की तादाद सबसे ज्यादा है. हालांकि, कारों के पास सबसे ज्यादा इंश्योरेंस कवर है. 15 राज्य ऐसे भी जहां 60% से ज्यादा वाहनों के लिए इंश्योरेंस नहीं लिया गया है.

नई दिल्ली. सड़क पर चलने वाले कुल वाहनों में से 50 फीसदी से भी ज्यादा के पास इंश्योरेंस कवर (Insurance Cover) नहीं है. मोटर व्हीकल ​एक्ट (Motor Vehicle Act, 2019) के तहत सभी वाहनों का इंश्योरेंस कवर होना ​अनिवार्य है. इंश्योरेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (IIB) द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट से पता चलता है कि मार्च 2019 तक करीब 57 फीसदी वाहनों के लिए कोई भी इंश्योरेंस कवर नहीं लिया गया है. मार्च 2018 में यह आंकड़ा 54 फीसदी पर था. 2020 के लिए अभी नये आंकड़े जारी नहीं हुए हैं. बगैर  इंश्योरेंस के चल रहे वाहनों में सबसे ज्यादा संख्या सबसे ज्यादा दोपहिया वाहनों की है. रिपोर्ट के मुताबिक, इनकी संख्या 66 फीसदी तक है. कुल मिलाकर 15 ऐसे राज्य हैं, जहां गैर-इंश्योरेंस वाहनों की संख्या 60 फीसदी से ज्यादा है. इनमें से बहुतों को देखा जाए तो पहले साल के बाद इन वाहनों के इंश्योरेंस को रिन्यू नहीं किया गया है.

भारत दुनिया के सबसे बड़े वाहन बाजार में से एक है और यहां हर साल 2 करोड़ से ज्यादा वाहनों की बिक्री होती है. साथ ही, भारत उन देशों में भी हैं, जहां सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट्स होते हैं. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाहनों का इंश्योरेंस न कराना कितनी बड़ी समस्या को बुलावा देना है.

आईआईबी के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक रोड पर चलने वाली कुल 23.12 करोड़ वाहन थे. इनमें से करीब 57 फीसदी के पास इंश्योरेंस कवर नहीं था. 2017-18 में यह 54 फीसदी था. उस दौरान रोड पर कुल 21.11 वाहन थे.

सबसे ज्यादा कारों का इंश्योरेंस
इस रिपोर्ट में कहा गया कि इनमें सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि देश में कुल वाहनों का करीब 75 फीसदी हिस्सा दोपहिया वाहनों का ही है. करीब 60 फीसदी से ज्यादा ऐसे वाहन हैं, जिनका इंश्योरेंस नहीं ​हुआ है. आमतौर पर कारों का सबसे ज्यादा इंश्योरेंस लिया जाता है. कारों के सेग्मेंट में करीब 10 फीसदी ही ऐसे वाहन हैं, जिनके पास इंश्योरेंस कवर नहीं है. करीब 52 फीसदी वाहन के लिए पहला साल पूरा होने के बाद इंश्योरेंस नहीं लिया जाता है. दोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस को लेकर यह सबसे बड़ी समस्या है.

क्यों जरूरी वाहनों के लिए इंश्योरेंस कवर लेना?
मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 के तहत सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी व्हीकल इंश्योरेंस कवर लेना अनिवार्य है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर के जरिए सड़क दुर्घटना में किसी की मौत या प्रॉपर्टी आदि के नुकसान की भरपाई की जाती है. वाहनों का इंश्योरेंस नहीं होने का मतलब है कि किसी सड़क दुर्घटना में घायल हुए या मर चुके व्यक्ति के परिजनों को कोई रकम नहीं मिलती है.

6 राज्यों में 50 फीसदी से ज्यादा इंश्योरेंस की हिस्सेदारी
जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के कारोबार में मोटर इंश्योरेंस की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी की है. वित्त वर्ष 2018-19 में इन कंपनियों के पास कुल प्रीमियम करीब 64,522.35 करोड़ रुपये मिला था. रोचक बात है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली ही 6 ऐसे राज्य हैं, जिनका कुल पॉलिसी और क्लेम में योगदान 50 फीसदी से ज्यादा का है.साभार- न्यूज़18

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