उड़ने वाले डायनासोर के पूर्वजों की गुत्थी सुलझी, जानिए कौन थे वे

प्रतीकात्मक तस्वीर

उड़ने वाले डायनासोर (Pterosaus) के पूर्वजों की गुत्थी दो सदियों से ज्यादा समय उलझी हुई थी जिसे हाल में हुई एक सरीसृप समूह (Reptile Group) के जीवाश्मों ने सुलझाया है.

जीवाश्मों (Fossils) का संसार रहस्यों से भरा पड़ा है. हर बार जब भी कोई नया जीवाश्म मिलता तो कोई न कोई नया रहस्य उजागर होता है जिससे हम अब तक अनजान रहे थे. ताजा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जीवाश्मविज्ञान (Palaeontology) की एक लंबे समय से उलझे रहस्य को हल किया है. शोधकर्ताओं ने अब उड़ने वाले डायनासोर (Flying Dinosaurs), जिन्हें टेरोसॉर (pterosaur) कहा जाता है, के विकासक्रम की गुत्थी सुलझा ली है.

टेरोसॉर के यह पूर्वज
टेरोसॉर अपने समय में आसमान पर छाए रहा करते थे जब डायनासोर का धरती पर वर्चस्व रहा करता था. शोधकर्ताओं का कहना है कि ट्रियासिक काल में सरीसृप समूह जिसे लैगरपेटिड कहा जाता है, टेरोसॉर के पूर्वज हुआ करते थे. लैगरपेटिड को कभी ठीक ढंग से नहीं समझा गया. अब इस समूह के जीवाश्म अमेरिका, अर्जेंटीना, ब्राजील और मैडागास्कर में मिले हैं

कैसे थे शुरुआती लैगरपेटिड
लैगरपेटिड सबसे पहले करीब 23 करोड़ 70 लाख साल पहले पृथ्वी पर आए थे यह सामन्यतया छोटे आकार के दो पैरों वाले जीव होते थे जो कीड़े खाया करते थे, लेकिन वे उड़ नहीं सकते थे. बाद में टेरोसॉर पृथ्वी के पहले उड़ने वाले वर्टिबरेट यानि रीढ़ वाले जीव थे. इस श्रेणी में चमगादड़ बहुत बाद में आए.

शुरू से रहे हैं पहेली
नेचर जर्नल में प्रकाशित इस शोध के प्रमुख लेखक और ब्यूनस आयर्स स्थित अर्जेंटाइन म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंसेस के जीवाश्म विज्ञानी मार्टिन इजकूरा ने बताया, ‘टेरोसॉर की उत्पत्ति जीवाश्म विज्ञान में सबसे उलझी हुई पहेली तब से रही है जब से उन्हें 18वीं सदी में सबसे पहले खोजा गया था.’

डायनासोर (Dinosaurs) के नजदीकी संबंधी टेरोसॉर (Ptersaurs) के पूर्वजों का रहस्य दो सदियों से अधिक तक उलझा रहा था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

कैसे  किया गया अध्ययन
सबसे पुराने टेरोसॉर की जीवाश्म रिकॉर्ड फिलहाल 22 करोड़ साल पुराना है. जहां उनके शरीर में पंख टखने से लेकर लंबी चौथी उंगली तक एक परत से बने होते थे. पुराने और नए खोजे गए जीवाश्मों का एक परीष्कृत स्कैनिंग तकनीक और त्रिआयामी मॉडलिंग से अध्ययन कर शोधकर्ताओं ने खोपड़ी की 33 विशेषताओं का पता लगाया.

क्या निकला नतीजा
इस अध्ययन से टेरोसॉर और लैगरपेटिड के बीच के उद्भव संबंध की जानकारी मिल सकी. इसमें अंदरूनी कान का आकार, दिमाग का खांचा, दांत के अलावा हाथ पैर, टखने और पेल्विक हड्डियों में भी समानताएं शामल हैं. इजकूरा ने बताया, “हमने दर्शाया कि लैगरपेटिड्स टेरोसॉर के नजदीकी संबंधी हैं. वे ही दूसरे सरीसृपों और टेरोसॉर के अंतर को पाटने का कम करते दिख रहे हैं.”

कितनी विविधता थी टेरोसॉर में
लैगरपेटिड डायनासोर से भी नजदीकी संबंध रखते हैं.  सबसे पुराने डायनासोर 23 करोड़ 30 लाख साल पुराने थे. टेरोसॉर 6 करोड़ 60 लाख साल पहले विलुप्त हो गए थे जब एक क्षुद्रग्रह के टकराने के बाद हुए जलवायु परिवर्तन के कारण डायनासोर विलुप्त हो गए थे. छोटे आकर से शुरु होकर टेरोसॉर विशाल पंखों वाले जीव हो गए थे. उनमें से कई के पंख तो 35 फुट  या 10.7 मीटर तक फैल जाया करते थे.

इस अध्ययन के सहलेखक और  वर्जीनिया टेक के जीवाश्म विज्ञानी स्टर्लिंग नेसबिट ने बताया, “हम पिछले 50 सालों से यह अध्ययन कर रहे हैं कि कैसे पक्षियों ने अपने शरीर को उड़ने के लिए ढाला. इनमें से ज्यादातर जानाकारी हमें डायनासोर और शुरुआती पक्षियों के जीवाश्म से हमें मिली. इस बारे में हमें टेरोसॉस की ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है क्योंकि हमारे पास उनके जीवाशम नहीं हैं.”साभार-न्यूज़18

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