केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया (Ratanlal Kataria) के अंबाला पहुंचने पर किसान संगठन के लोगों ने काले झंडे दिखाकर विरोध जताया. इस दौरान मोदी सरकार के खिलाफ किसानों (Farmers) ने जमकर नारेबाजी की.
अंबाला. हरियाणा के अंबाला में रेलवे अंडरब्रिज का शिलान्यास करने पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया (Ratanlal Kataria) ने किसानों (Farmers) को लेकर विवादित बयान दिया है. किसानों के विरोध से गुस्साये कटारिया ने कहा कि अगर किसानों को विरोध ही करना था, काले झंडे ही दिखाने थे तो वे कहीं और मर लेते. दरअसल कटारिया के अंबाला पहुंचने पर किसान संगठन के लोगों ने काले झंडे दिखाकर विरोध जताया. इस दौरान मोदी सरकार और कटारिया के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की.
कटारिया ने कहा कि उनके अंबाला में 7-8 कार्यक्रम हैं. ऐसे में अगर किसानों को उनका विरोध ही करना था तो कहीं और मर लेते. मैं भगवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूंं कि इन काले झंडे दिखाने वालों को सद्बुद्धि दें. वहीं विरोध करने आये किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस करवाकर ही वे दम लेंगे. कटारिया पांच साल में नजर नहीं आये और आज जब नजर आए तो किसान ने काले झंडे से उनका स्वागत किया. किसानों ने प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज किये गए मुकदमों का भी विरोध जताया.
‘किसानों के आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतें’
उधर, किसानों के आंदोलन को लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भी बड़ा बयान दिया है. जेपी दलाल ने कहा कि कुछ विदेशी ताकतों को पीएम मोदी का चेहरा पसंद नहीं है. इसलिए ये विदेशी ताकतें किसानों को आगे कर बाधा डाल रही हैं.
उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण सड़क पर नहीं, संसद में जनप्रतिनिधि करते हैं. विरोध की बजाय कृषि कानूनों के परिणाम के लिए किसान 2-3 महीने इंतजार करें. बिना परिणाम के विरोध करना जायज नहीं है.साभार- न्यूज़18
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