लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी बहादुरगढ़-टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर एक तरफ किसान और दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस बैठी रही। किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने को राजी नहीं थे और दिल्ली पुलिस निरंकारी मैदान के अलावा कहीं और जाने की छूट दे नहीं रही थी। दोनों ही बॉर्डर पर दिनभर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था। किसानों का कहना है कि बहादुरगढ़ से दिल्ली और जीटी करनाल रोड से दिल्ली में होने वाली खाद्य आपूर्ति को बंद कराना है। इससे केंद्र सरकार को मजबूरन उनकी बात माननी पड़ेगी।
वहीं, बुराड़ी स्थित संत निरंकारी मैदान में किसानों के स्वागत के लिए तैयारियां जोरों पर थी। रसोई लगने से लेकर टेंट आदि दूसरी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। पेश है हरियाणा के सटे दिल्ली के दो बॉर्डर और किसानों के लिए तैयार बुराड़ी के मैदान से ‘अमर उजाला’ की लाइव रिपोर्ट।
बहादुरगढ़-टिकरी कलां बॉर्डर
समय : दोपहर 12:00 बजे
यहां शनिवार को भी तीन परत की बैरिकेडिंग के साथ पुलिस ने मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की थी। पहले दो दिनों बैरिकेडिंग की बराबर से खुले जिस रास्ते से आम लोग इस पार से उस पार पैदल आ जा रहे थे शनिवार को वह रास्ता भी बंद कर दिया गया था। इससे दिल्ली से बहादुरगढ़ आने-जाने वाले लोगों को कई किलोमीटर घूमकर बॉर्डर पार करना पड़ा। किसानों का कहना है कि अब वह दिल्ली नहीं जाना चाहते हैं। अब उनका एक ही मकसद केंद्र सरकार को घुटनों पर लाना है। किसान नेता हरप्रीत भाऊ ने कहा कि वह तो शांतिपूर्वक दिल्ली जाकर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन केंद्र के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक कर रखा है।
किसानों ने फैसला किया है कि वह अब बॉर्डर पर ही रहेंगे। यहीं से केंद्र सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। चरणजीत सिंह ने कहा कि वह इतनी चाय और चीनी लेकर आए हैं कि कई महीनों तक ऐसे ही चाय बनाकर पिला सकते हैं। उधर, बैरिकेडिंग के सामने रह रहकर नारेबाजी हो रही थी। किसान यूनियन जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। केंद्र सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। बैरिकेडिंग के उस पार दिल्ली पुलिस क्रेन, वाटर कैनन व किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सुबह से तैनात खड़ी थी।
सिंघु बॉर्डर
समय : दोपहर 3:00 बजे
मुकरबा चौक से लेकर अलीपुर-सिंघु बॉर्डर तक ट्रक कतार से खड़े रहे। बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। यहां भी किसान जंतर-मंतर या रामलीला मैदान के अलावा कहीं और जाने को राजी नहीं थे। किसानों ने कहा कि कुछ लोग गुमराह होकर बुराड़ी के निरंकारी मैदान गए हैं, लेकिन वह अब बॉर्डर पर ही रहेंगे। चिंता अब केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस करे। वह तो घर से पहले से कई महीने तक बाहर रहने की तैयारी करके आए हैं। अगले दो दिन में ही दिल्ली को पता चल जाएगा कि किसानों की ताकत क्या है।
केंद्र सरकार को उनकी बात माननी ही पड़ेगी। जब तक केंद्र सरकार उनकी बात नहीं मानेगी वह बॉर्डर छोड़कर नहीं हटेंगे। यदि उन्होंने बॉर्डर नहीं खाली किया तो दिल्ली का दाना-पानी बंद हो जाएगा। लगभग 3 बजे गुरुद्वारा बंगला साहिब की ओर से मनजिंदर सिंह सिरसा किसानों के लिए खाना लेकर पहुंचे। किसानों को खाना देने के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस से बैरिकेड हटाने का आग्रह किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद मनजिंदर सिंह सिरसा दूसरे रास्ते से घूमकर किसानों की तरफ पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने खाना वितरित किया। किसान बॉर्डर छोड़कर आगे बढ़ने को राजी नहीं थे।
बुराड़ी, निरंकारी ग्राउंड
समय: दोपहर 1:00 बजे
शनिवार को दिल्ली का मौसम पूरी तरह साफ था। धूप भी खिली-खिली दिख रही थी। बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में खासी चहल-पहल दिख रही थी। किसानों के अलावा यहां पर पुलिस फोर्स, अतिरिक्त सुरक्षा बल, नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा लगा था। दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से आए किसान अपने-अपने समूह में खड़े होकर अलग-अलग तरह से अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ से आए किसान तो अपने राज्य का लोकनृत्य कर सरकार से किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग रहे थे। कुछ किसान बैंडबाजे के साथ भी दिख रहे थे। पंजाब से आए किसान झंडे लिए नारेबाजी कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्राउंड में लंगर बनाने और परोसने का भी काम जारी था। मैदान के हिसाब से किसानों की संख्या कम ही नजर आ रही थी। इस पर किसानों का कहना था कि धीरे-धीरे देशभर के किसान यहां आकर पूरे ग्राउंड को भीड़ से भर देंगे।
सुबह के समय यहां मौजूद कुछ किसान टिकरी बार्डर व सिंघु बार्डर चले गए। उनका कहना था कि यहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। दूसरी ओर कुछ किसान अपने ट्रैक्टर और ट्रक में आराम भी फरमाते हुए दिखाई दे रहे थे। हालांकि, मौसम साफ होने और हवा चलने की वजह से ग्राउंड में धूल काफी उड़ रही थी। प्रशासन की ओर से मैदान के भीतर पानी का छिड़काव किया जा रहा था। मध्य प्रदेश से आए किसानों के साथ समाज सेवा मेधा पाटकर भी वहां मौजूद थीं।
उनका कहना था कि अन्नदाता की सुनवाई नहीं हो रही है, सरकार को तुरंत किसान विरोध कानूनों को वापस लेना चाहिए। दूसरी ओर दिल्ली से आम आदमी पार्टी के नेता राधव चड्डा और संजीव झा किसानों के बीच में दिखाई दिए। पूरे निरंकारी ग्राउंड में दिल्ली पुलिस के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की कई कंपनियों को तैनात किया गया था।साभार-अमर उजाला
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