पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के आसपास के जिलों के हजारों भक्त कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नदी में पारंपरिक तौर पर स्नान के लिए गढ़मुक्ते श्वर में गंगा के तट पर पहुंचते हैं और अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए दीपदान करते हैं.
लखनऊ: हापुड़ जिले के गढ़मुक्ते श्वर में ‘गंगा स्नान मेला’ और मेरठ जिले के हस्तिनापुर में ‘दीपदान’ उत्सव को इस साल महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है. मेला बुधवार को गढ़मुक्ते श्वर और शुक्रवार को हस्तिनापुर में शुरू होने वाला था. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की एक संयुक्त रिपोर्ट की जांच किए जाने के बाद राज्य सरकार ने गढ़मुक्ते श्वर में गंगा स्नान मेला को रद्द करने का फैसला लिया है.
हापुड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सर्वेश मिश्रा ने कहा, “आदेश के अनुपालन में 25 से 30 नवंबर के बीच गंगा के किनारे मेला स्थल पर श्रद्धालुओं के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाई गई है.”
मेरठ जिला पंचायत हस्तिनापुर के मखदूमपुर में गंगा किनारे इसी तरह के एक मेले का आयोजन करते हैं. यहां भी हजारों की तादाद में भक्त गंगा नदी में स्नान करने आते हैं.
जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ने कहा कि महामारी के चलते इस साल हस्तिनापुर में मेले को रद्द कर दिया गया है.
इस बीच, लखनऊ में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शुरू होने वाले मेले के भी महामारी के मद्देनजर रद्द होने की संभावना है. यह मेला एक महीने तक चलता है.
हालांकि इस पर अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि हर दिन हजारों दर्शकों के आवागमन वाले इस मेले से महामारी के मद्देनजर खतरे की आंशका है.साभार-एबीपी न्यूज़
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