अगर चलाते हैं मैनुअल गियर वाली कार, तो इन पांच बातों को अपनी ड्राइविंग की आदतों में करें शुमार

आजकल बहुत सी कारें अब ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आ रही हैं। ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ आने वाली कारें जाम जैसे हालात में बेहद कारगर हैं और इन्हें चलाने में थकान भी नहीं होती है। लेकिन अभी सड़कों पर मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों की बहुतायत है। लेकिन अगर आप मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार चला रहे हैं, तो इन पांच बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है…

स्टीयरिंग पर रखें हाथ
आमतौर पर ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वे एक हाथ स्टीयरिंग व्हील पर और दूसरा हाथ गियर लिवर या शिफ्टर पर रखते हैं। हालांकि बार-बार गियर बदलने की नौबत कम ही आती है, लेकिन आपका हाथ गियर शिफ्ट करने से ज्यादा आराम की मुद्रा में होता है। लेकिन इससे गियर बॉक्स को नुकसान पहुंचने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। इसकी वजह है कि गियर पर हल्का सा दबाव गियरबॉक्स को नुकसान पहुंचता सकता है। स्टीयरिंग व्हील पर आपका हाथ घड़ी में सवा नौ या पौने तीन (9-3 या 3-9) वाली स्थिति में होना चाहिए।

क्लच से पैर रखें दूर
कुछ लोगों को ड्राइविंग के दौरान क्लच पर ही पैर रखने की आदत होती है। वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि तुरंत गियर बदल सकें। लेकिन अगर आपको ये आदत है तो तुरंत इसे छोड़ दें। ऐसा करना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि इस गलत आदत की वजह से आपको जल्द ही क्लच बदलने की नौबत आ सकती है। क्लच पर पैर रखने का ये भी नुकसान है कि जब कभी आपको अनाचक ब्रेक लगाने की जरूरत पड़ेगी, तो आपका अवचेतन मन ब्रेक लीवर दबाने की बजाय क्लच लीवर दबा देगा, जिससे दुर्घटना हो सकती है।

हैंडब्रेक का करें इस्तेमाल
पहाड़ी रास्तों पर ड्राइविंग के अनुभवी इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल करते हैं। वाहन जब ऊपर चढ़ रहा होता है तो आमतौर पर ड्राइवर क्लच पैडल पर हल्के दबाव के साथ पैर रख लेते हैं, वहीं जब चढ़ाई के दौरान गाड़ी को पावर की जरूरत होती है, तो क्लच पर पैर रखने के साथ एक्सलरेटर भी दबाते हैं, लेकिन यह तकनीक बिल्कुल गलत है। इसकी बजाय आप क्लच पैडल पर रखने की बजाय हैंडब्रेक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

गियर में रखे कार
कुछ लोग ढलान से उतरते वक्त गाड़ी को न्यूट्ल में कर देते हैं। ये सोच कर कि नीचे की तरफ जाने पर गियर की जरूरत नहीं पड़ती और तेल की भी बचत होती है। लेकिन ये तकनीक बिल्कुल गलत है। न्यूट्रल में ड्राइव करने पर गाड़ी पर इंजन का कंट्रोल नहीं होता है, साथ ही इससे ब्रेक भी ओवरहीट हो जाते हैं। बेहतर है कि ढलान से उतरते वक्त गाड़ी को गियर में रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे कंट्रोल कर सकें।

आरपीएम पर रखें नजर
कुछ लोग आरपीएम मीटर को केवल शोपीस समझते हैं, लेकिन आपकी कार इंजन और आपकी ड्राइविंग आदत के बीच की कड़ी है यानी कि इंजन की परफॉरमेंस को आरपीएम के जरिए जान सकते हैं। ज्यादा आरपीएम का मतलब है कि आप जरूरत से ज्यादा इंजन पर जोर दे रहे हैं। रेस लगाने के चक्कर में लोग ज्यादा आरपीएम पर गियर बदलने से नहीं चूकते, लेकिन ये आदत लंबे वक्त में इंजन के साथ गियरबॉक्स को भी खराब कर सकती है। इसलिए कम आरपीएम पर ही गियर बदलें। साभार-अमर उजाला

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