गाजियाबाद, नगर आयुक्त के नए मैकेनिज्म ने धीरे से उजागर कर दिया करोड़ों का घोटाला

गाजियाबाद। स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर नगर निगम में पिछले कई वर्षों से चले आ रहे कोटेशन पर काम कराने का खेल समाप्त हो गया है। इस बार नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए कोटेशन नहीं बल्कि टेंडर लॉन्च कर कार्य कराने का फैसला लिया है। इससे एक करोड़ 75 लाख रुपए का खेल उजागर हो चुका है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम में कोटेशन पर काम कराने से कितना बड़ा घोटाला हो रहा था। सर्वेक्षण के नाम पर हर वर्ष नियर नगर निगम नुक्कड़ नाटक डिवाइडर की रंगाई पुताई तथा पेंटिंग आदि कराने का कार्य किया जाता है।

नगर निगम में पिछले कई वर्षों से कई करोड रुपए के कार्य कोटेशन पर कराने का खेल चल रहा था। इसी के चलते कई अधिकारी अपने चहेतों के नाम कांट्रेक्टर को देते रहे हैं। नए नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने इस खेल के चैप्टर को ही क्लोज कर दिया है। उनके नए मैकेनिज्म को देख निगम के बाकी अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। नगर आयुक्त ने पहली बार कई करो रुपए के कार्य की कोटेशन को बंद कर दिया है। उन्होंने पहले स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत होने वाले कार्य को कराने के लिए टेंडर मांगे हैं। इन टेंडर से निगम को पहले वर्ष के मुकाबले ₹17500000 का सीधा फायदा हुआ है।

जांच की मांग उठी भाजपा पार्षद दल नेता राजेंद्र त्यागी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के पूर्व में हुए कार्यों में हमें पहले से ही खेल की आशंका है डिवाइडर की रंगाई पुताई का जो कार्य ब्यूटी कंपनियों को करना था। उसमें निगम ने पैसा खर्च किया वह भी कोटेशन मांग कर काम कराया इसमें कई करोड़का खेल होता आया है। इस बार टेंडर होने से यह खेल पूरी तरह से उजागर हो गया है वोट की संभावित होने वाली बैठक में इस घोटाले को उठाया जाएगा।साभार-युग करवट

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