- मसाले खाने के अलावा बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- दुनिया भर में मसालों के औषधीय गुणों पर शोध किया जा रहा है।
कहा जाता है कि दुनिया भर में सौ तरह के मसाले पाए जाते हैं। खाने को स्वादिष्ट बनाने के अलावा मसालों का सेहत के लिए भी इस्तेमाल होता है। लेकिन इस्तेमाल करते वक्त मसालों की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादा मात्रा में मसाले खाने से रसायन पेट में जाकर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता डियाने विजदम ने एक निबंध के जरिए बताया है, “कई मसालों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। इलाज में उनके महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता. उसके अन्य गुणों से दुनिया अब परिचित हो रही है।”
दालचीनी – एक पेड़ से हासिल की जानेवाली दालचीनी के बहुत ज्यादा फायदे होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर में कमी लाने का दालचीनी काम करती है। सब्जियों से लेकर मांस तक में मसाले का इस्तेमाल किया जा सकता है। चीनी से परहेज करनेवाले दालचीनी की मामूली सी मात्रा के जरिए चाय को मजेदार बना सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शुगर और दिल के मरीजों को दालचीनी का संतुलित इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
हल्दी – हल्दी में पाया जानेवाला औषधीय गुण कई बीमारियों के खिलाफ काम करता है। ये मसाला हर तरह के सूजन (चाहे दिमाग में हो या शरीर में) पर काबू पाकर बीमारी को कम करती है। कई देशों में सेहत को मिलनेवाले जबरदस्त फायदे के चलते हल्दी को सुपर फूड भी कहा जाता है। कुछ देशों में तो उसे अल्जाइमर और डिप्रेशन में कमी लाने के लिए भी इस्तेमाल की जा रही है। शोध से पता चला है कि 18 महीने तक हल्दी खानेवाले बच्चों की याद्दाश्त अन्य बच्चों की तुलना में बेहतर होती है।
अदरक– सैकड़ों साल से एशियाई देशों में अदरक का इस्तेमाल पेट की खराबी, उल्टी में हो रहा है। फायदे के मद्देनजर अमेरिका में अदर के कैप्सूल, कैंडी, चाय और लॉली पॉप भी बेचे जा रहे हैं। कुछ मुल्कों में तो पाउडर और सीरप की शक्ल में भी मिल रही है।
लहसुन – लहसुन का इस्तेमाल शरीर में दिल के दौर के लिए मुफीद होता है। उम्र बढ़ने के साथ खून की नालियां सख्त होना शुरू हो जाती हैं। धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल की ज्यादती खून की नालियों को प्रभावित करते हैं। थोड़ा लहसुन का इस्तेमाल कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करने में मदद देती है।
लाल मिर्च– लाल मिर्च मुंह को जला देती है. मगर इंसके इस्तेमाल के फायदे भी कम नहीं हैं। शुगर के जख्मों का दर्द कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई देशों में ऑस्टियोआर्थराइटिस के तौर पर सेवन चलन में है। ये दिमाग को भेजे जानेवाले सिग्नल की तादाद को कम करके दर्द की शिद्दत में कमी का कारण बनती है।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad