इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना, के रचियता गीतकार अभिलाष का मुम्बई में निधन

अभिलाष का मुम्बई में रविवार को निधन हो गया। 74 वर्षीय अभिलाष कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। मध्यरात्रि में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मुम्बई। साल‌ 1985 में रिलीज हुई फिल्म ‘अंकुश’ के लिए ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर होना…’ जैसा बेहद लोकप्रिय प्रार्थना गीत लिखनेवाले गीतकार और लेखक अभिलाष का मुम्बई में रविवार को निधन हो गया। 74 वर्षीय अभिलाष पेट से जुड़ी बीमारी से पीड़ित थे। आज सुबह 4.00 बजे उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

अभिलाष की पत्नी नीरा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए अभिलाष को कैंसर अथवा किसी भी अन्य बीमारी होने की खबरों से इनकार करते हुए कहा, “इसी साल मार्च महीने में अभिलाष की पेट की अंतड़ियों का ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद से ही वे काफी कमजोरी महसूस करने लगे थे। इसी‌ के चलते उन्हें चलने फिरने में भी दिक्कत हो रही थी।”

नीरा ने बताया कि अभिलाष का निधन गोरेगांव स्थित उनके घर पर ही हुआ है उन्होंने बताय कि कोरोना और लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते महज 15 से 20 लोग ही उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो पाये और ऐसे में बंगलुरू में रहनेवाले उनकी बेटी और दामाद भी अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सके।

पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा कलाश्री अवार्ड से सम्मानित हो चुके अभिलाष लोकप्रिय गाने ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना फिल्म की रिलीज के वक्त था। इस गाने को आज भी देशभर के कई स्कूलों और जेलों में प्रार्थना गीत के रूप में गाया जाता है। उल्लेखनीय है कि इस गाने का दुनिया की 8 भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है।

‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गीत के अलावा अभिलाष ने ‘सांझ भई घर आजा’, ‘आज की रात न जा’, ‘वो जो खत मुहब्बत में’, ‘तुम्हारी याद के सागर में’ ‘संसार है इक नदिया’, ‘तेरे बिन सूना मेरे मन का मंदिर’ आदि गीत भी लिखे थे, जो काफी लोकप्रिय हुए थे। गीतों के अलावा उन्होंने कई फिल्मों में बतौर पटकथा-संवाद लेखक भी योगदान दिया था और कई टीवी धारावाहिको़ं की स्क्रिप्ट लिखी थीं।

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