- एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद हुए लॉकडाउन और बाढ़ के की वजह से नीतीश की छवि पर नकारात्मक असर हुआ है।
नई दिल्ली। बिहार में चुनावी बिगुल बच चुका है और सभी राजनीतिक पार्टियों ने इसे लेकर कमर कस ली है. लेकिन इसी बीच एनडीए में बड़ी दरार की खबर सामने आई है। एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी के चुनाव न लड़ने की बात कही है।
एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद हुए लॉकडाउन और बाढ़ के की वजह से नीतीश की छवि पर नकारात्मक असर हुआ है। हालांकि एलजेपी एनडीए से अलग होगी या नहीं इस बात का आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान को ही लेना है।
बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रही JDU-LJP
बता दें कि राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल (यूनाइटेड) बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। कुमार के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी से हाथ मिलाने के बाद दोनों दलों के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है. मांझी एलजेपी पर निशाना साधते रहे हैं. वहीं नीतीश कुमार पर निशाना साधने के दौरान चिराग पासवान बीजेपी पर निशाना साधने से बचते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी करते हैं।
बता दें कि निर्वाचन आयोग के जल्द ही बिहार विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है। प्रदेश में विधानसभा की 243 सीटों पर अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद है।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad