बिना वजह चार हजार लोग कंटेन्मेंट ज़ोन की जिंदगी जीने को मजबूर !

हमारा गाजियाबाद ब्यूरो। हरसांव पुलिस लाइन से सटी प्रताप नगर कालोनी की चार हजार की आबादी बीते पांच महीने से परेशान है। पुलिस प्रशासन ने इस कालोनी को जाने वाले मुख्य मार्ग को बंद किया हुआ है। लोग तीन किलोमीटर घूमकर ही अपने घरों को जा पाते हैं। पूरे देश में जहां अनलॉक की प्रक्रिया के तहत हर महीने रियायत बढ़ रही हैं वहीं प्रताप नगर के बाशिंदे खुद को जेल में बिना सजा के बंद कैदी जैसी स्थिति में मान रहे हैं।
हापुड़ रोड पर करीब 30 साल से भी ज्यादा समय से बसी है ये प्रताप नगर कॉलोनी। पुलिस प्रशासन द्वारा मुख्य मार्ग बंद किए जाने के कारण सभी क्षेत्र वासियों को 2-3 किलोमीटर घूमकर कच्चे मार्ग से जाना पड़ रहा हैं जिसकी खुद की हालत जर्जर हैं, बारिश के समय यहां 2-3 फीट तक जलभराव हो जाता है।
स्थानीय निवासी कृष्ण कुमार के मुताबिक रास्ता खुलवाने के लिए जिलाधिकारी और एसएसपी को कई बार पत्र लिखे हैं , लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई है। जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से कई बार शिकायत की गई परन्तु हर बार कोविड-19 की सतर्कता का बहाना बनाकर शिकायत का निस्तारण दिखा दिया गया। प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होने पर प्रताप नगर वासी क्षेत्रीय पार्षद कुसुमलता त्यागी, सांसद वीके सिंह और भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा से भी गुहार लगा चुके हैं।

बड़ी बात:- शिकायत मिलने पर जब प्रशासन जनता की समस्या का समाधान ना करे तो वो अखबारों की खबर बनती है।लेकिन यदि अखबारों में खबर बनने के बाद भी प्रशासन चुप्पी साध ले तो फिर कोई क्या करे ? “हमारा गाज़ियाबाद” के सभी पाठकों की ओर से पूछे जा रहे इस सवाल का कोई तो जवाब देना चाहिए प्रशासन को।

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