हमारा गाजियााबद ब्यूरो।डिफेंस सेक्टर में विदेशों से उत्पाद खरीदने में कटौती करने के लिए सरकार मेड इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101 रक्षा उत्पादों की विदेशी खरीद पर रोक लगाने की घोषणा की है। इनको अब देश में ही बनाया जाएगा। यह आत्मनिर्भर भारत के सबसे बड़े फैसलों में से एक है। इस फैसले को कुछ ऐसे समझिए-
- 4 लाख करोड़ रुपए के इन कॉन्ट्रैक्ट्स में से करीब एक लाख 30 हजार करोड़ रुपए के उपकरण सेना और एयरफोर्स को जबकि करीब एक लाख 40 हजार करोड़ के इक्विपमेंट्स नेवी को मिलेंगे। आयात पर प्रतिबंध को चार साल (2020-2024) में लागू करने की योजना है।
- 101 सामानों की लिस्ट में केवल सामान्य उपकरण ही नहीं हैं, बल्कि इसमें उच्च तकनीक वाले वेपन सिस्टम मसलन आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच रडार समेत अन्य आइटम शामिल हैं।
- तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच ऐसी 260 स्कीम्स पर काम किया। इनकी लागत करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए थी। अगले 6 या 7 साल में डोमेस्टिक डिफेंस इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट मिलने की उम्मीद है।