कोरोना से निपटने के लिए 25 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों को प्रदेश सरकार पांच-पांच करोड़ रु. देने जा रही है। इसकी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस राशि का उपयोग कोविड-19 अस्पतालों को उपकरण, दवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से प्रदेश का राजस्व घाटा बढ़ा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2020-2021 के अप्रैल महीने में वित्त विभाग को वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष केवल 1.5 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो सका है। अनलॉक-3 के तहत राजस्व बढ़ाने के लिए आर्थिक गतिविधियों को छूट दी गई है। वहीं राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने का भी फैसला कर सकती है। इन परिस्थितियों से उबरने के लिए मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती की गई है। विधायक निधि एक वर्ष के लिए स्थगित कर दी गई है।
इस दौरान उन्होंने लोगों से कोरोना मरीजों के प्रति अपनी सोच बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस किसी को नहीं छोड़ता। यह महलों से लेकर झोपड़ी तक पहुँच चुका है। इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
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