हमारा ग़ाज़ियाबाद ब्यूरो। साहिबाबाद थाना क्षेत्र में 27 जुलाई को सूटकेस में जिस महिला का शव बुलंदशहर की वरीशा का होना बताया गया, वह जिंदा निकली। नगर पुलिस ने मायके पक्ष की गलत शिनाख्त के आधार पर वरीशा के पति और सास-ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवाहिता ने अलीगढ़ में खुद ही पुलिस को जिंदा होने की जानकारी दी। अब पुलिस ने विवाहिता से पूछताछ के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार मायके पक्ष ने अज्ञात शव की गलत शिनाख्त की थी। साहिबाबाद क्षेत्र में 27 जुलाई को बंद सूटकेस में एक महिला का शव मिला था।
गाजियाबाद पुलिस द्वारा महिला की शिनाख्त के लिए सोशल मीडिया पर भी मृतका का फोटो व संदेश वायरल किया गया था। दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने व्हाट्सअप मैसेज व फोटो देखकर पहचान कर महिला की शिनाख्त अपनी रिश्तदार के रूप में की। इसके बाद अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज के जलाली निवासी मृतका के परिजनों ने शव की शिनाख्त अपनी पुत्री वरीशा के रूप में की। नगर कोतवाली में दहेज हत्या में पति, सास-ससुर पर मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भिजवा दिया गया। सोमवार को वरीशा ने पुलिस को बताया कि ससुराल वालों के दहेज उत्पीड़न से तंग होकर वह स्वंय घर से जाकर गौतमबुद्धनगर जनपद के भंगेल में एक महिला के यहां रह रही थी।
मनीष मिश्रा, एसपी सिटी
सूटकेस में मिले शव की गलत शिनाख्त वरीशा के मायके वालों ने की है। अब साहिबाबाद थाने में सूटकेस में मिले शव के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
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