नया मास्टरप्लान बनाने के लिए गाजियाबाद और लोनी का GIS (ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे शुरू किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे इस मास्टरप्लान डिजिटल रूप में दिया जा रहा है। जिसमें सड़क, पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइन, हरित क्षेत्र, वन क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, मिश्रित क्षेत्र, धार्मिक स्थल, व्यवसायिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, रेलवे लाइन, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक क्षेत्र और सुविधाओं को अलग-अलग लेयर में दर्शाया जाएगा।
वहीं, मास्टरप्लान-2031 के लिए निजी एजेंसी द्वारा मोदीनगर का जीआइएस सर्वे पूरा किया जा चुका है। जबकि इस सर्वे का भौतिक सत्यापन कराया जाना अभी बाकी है। जिसके तहत यह देखा जाएगा कि कितने भवन भू-उपयोग के नियमों को दर किनार कर बनाए गए हैं। साथ ही इस दौरान प्रत्येक घरों, दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को यूनिक नंबर भी दिया जाएगा। भविष्य में इसी इसी नंबर से संपत्ति की जानकारी जीडीए की वेबसाइट पर देखी जा सकेगी।
बता दें कि मास्टरप्लान-2031 के तहत यूआरडीपीएफआइडी के मानकों का पालन किया जा रहा है। जिसमें अगले 10 सालों में जिले की बढ़ने वाली आबादी का अनुमान लगाकर सुविधाएँ विकसित करने की व्यवस्था होगी। सभी सर्वे का भौतिक सत्यापन 31 अक्टूबर तक किया जाना है। गाजियाबाद और लोनी का मास्टरप्लान 31 मार्च 2021 तक और मोदीनगर का मास्टरप्लान दिसंबर 2020 तक बनाया जाएगा।
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