गाज़ियाबाद। देश-दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भय का माहौल है। लोग अपने-अपने तरीके से संक्रमण से सुरक्षित रहने के उपाय भी कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को भय और अवसाद के माहौल से बाहर निकलने में कोरोना को मात दे चुके लोगों के अनुभव और विचार अहम भूमिका निभा सकते हैं। यही वजह है कि हमारा गाज़ियाबाद न्यूज़ पोर्टल ने ऐसे लोगों से मुलाक़ात कर उनका अनुभव और विचारों को करीब से जाना।
इसी क्रम में हमारी मुलाक़ात इंदिरापुरम में रहने वाले 67 वर्षीय रिटायर्ड अधिकारी जय मोहन गोयल से हुई। जो काफी समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे। लिहाजा इंडोस्कोपी और कीमोथेरिपी करने से पहले कोविड-19 की जांच की गई और 19 अप्रैल को आई रिपोर्ट में संक्रमित होने की पुष्टि हुई। जिसकी सूचना जिला कंट्रोल रूम में देने के बाद शाम को आई डॉक्टर व पुलिस की टीम परिवार के सदस्यों को घर में क्वारंटीन कर इन्हें अपने साथ ले गई। 67 वर्ष की आयु और कैंसर की बीमारी को देखते हुए जय मोहन गोयल को मेरठ मेडिकल कॉलेज में 14 दिनों के लिए एडमिड किया गया। जहाँ सुबह शाम रूटीन चेक अप के लिए डॉक्टर आते रहे और खाना पीना व दवाइयां भी समय पर मिलती रहीं। इसी दौरान दोबारा हुई जाँच में रिपोर्ट निगेटिव आ गयी और 3 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
कोरोना को मात देकर घर पहुँचे जय मोहन गोयल को आरडब्लूए तथा प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही हिदायत के अनुसार कुछ दिनों तक गोयल तथा उनके परिवार के सदस्य घर पर ही रहे। इस दौरान जरूरी सामानों को बाहर से लाने में पड़ोसियों ने भी पूरी मदद की। बातचीत के अंत में जय मोहन गोयल ने बताया कि शरीर की सफाई, बेहतर खानपान और सकारात्मक सोच की बदौलत कोरोना को मात दिया जा सकता है। साथ ही समाज के लोगों को भी कोरोना के मरीजों के प्रति उदार व्यवहार अपनाना चाहिए। हमें बीमारी को लेकर सचेत रहने की जरूरत है, घबराने की नहीं।