गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को सरेआम गोली मार दी गई, जिसके बाद उनका इलाज चल रहा था। बुधवार (जून 22, 2020) की सुबह ख़बर आई है कि इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। वो अपनी भांजी के साथ हो रहे छेड़छाड़ का विरोध कर रहे थे, जिसके बाद आरोपितों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। उनकी बेटी के सामने ही उनके सिर में गोली मारी गई थी।
अब विक्रम जोशी के भांजे ने कहा है कि परिवार तब तक मृत शरीर को स्वीकार कर के उसका अंतिम संस्कार नहीं करेगा, जब तक सारे आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता। भांजे ने कहा कि इसी इलाक़े के कुछ लोग उसकी बहन के साथ छेड़छाड़ करते थे, कमेंट करते थे और जबरन प्रोपोज करना चाहते थे। उसने बताया कि सब कुछ ‘कमालुद्दीन के बेटे’ का किया धरा है। उसके एक साथी का नाम अभिषेक है।
मृतक विक्रम जोशी के भांजे ने कहा कि परिवार को सच चाहिए। उसने बताया कि उसकी बहन के जन्मदिन पर मामा उसे लेकर घर जा रहे थे, तभी ‘कमालुद्दीन के बेटे’ ने सिर पर जोर की रॉड मारी। इससे उसकी बहन नीचे गिर गई। इसके बाद आरोपितों ने गोली मार दी। भांजे ने ये भी आरोप लगाया कि पत्रकार को गोली मारने से पहले उनकी जम कर पिटाई की गई। भांजी और बेटी के सामने ही उन्हें मार डाला गया। उनकी हत्या हुई है।
मृतक के भांजे ने बताया कि उन्होंने पुलिस में तहरीर भी दे रखी है लेकिन पुलिस-प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। विक्रम जोशी ने गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में दम तोड़ा। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि पहले तो उनके साथ मारपीट की गई है, उसके बाद गोली मारी गई। इस मामले में सम्बंधित चौकी इंचार्ज को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया।
हालाँकि, पुलिस का कहना है कि वो 9 आरोपितों को गिरफ़्तार कर चुकी है। परिजनों ने 3 नामजदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। विक्रम जोशी के परिजनों का कहना है कि उनकी भांजी पर अश्लील टिप्पणियाँ भी की जाती थीं। उन्होंने इस घटना को लेकर पहले ही विजयनगर थाने में तहरीर दे रखी थी। बताया गया है कि उनके द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराने के कारण ही आरोपित नाराज़ थे।
साभार : hindi.opindia
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